Home देश कश्मीर में पैदल नहीं चलने के लिए कहा था – राहुल गांधी

कश्मीर में पैदल नहीं चलने के लिए कहा था – राहुल गांधी

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श्रीनगर – जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में भारत जोड़ो यात्रा के समापन कार्यक्रम में राहुल गांधी ने कहा कि ‘जीना है तो डरे बिना जीना है, डरकर नहीं जीना है.’ राहुल गांधी ने कहा कि अपनी पूरी यात्रा में उनको कई नए अनुभव हुए. उन्होंने कहा कि पूरे देश में कई ऐसे बच्चों को उन्होंने देखा जो स्वेटर नहीं पहनते थे. ये उनकी मजबूरी थी. इसलिए मैंने भी स्वेटर नहीं पहनने का फैसला किया. राहुल गांधी ने कहा कि सुरक्षा के लिए लोगों ने उनको कश्मीर में पैदल नहीं चलने के लिए कहा था. उनका मानना था कि पैदल चलने से उनके ऊपर ग्रेनेड फेंके जाने का खतरा है. मगर कश्मीर के लोगों ने उनको अपने दिलों में जगह दी.

राहुल गांधी ने कहा कि कभी मेरे परिवार के पुरखे इसी रास्ते से गंगा के किनारे के शहर इलाहाबाद गए थे. राहुल ने कहा कि जिन लोगों ने कभी हिंसा नहीं देखी है वे उसका मतलब नहीं समझ सकते हैं. राहुल गांधी ने कहा उनके परिवार में कई मौतें हुईं हैं और वो उसका दर्द समझते हैं. बीजेपी और RSS के लोग इसे समझ नहीं सकते हैं. जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में भारत जोड़ो यात्राका समापन कार्यक्रम भारी बर्फबारी के बीच हुआ.

नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुल्ला और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की महबूबा मुफ्ती ने भारी बर्फबारी के बीच इसमें भाषण दिया. कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा के समापन समारोह के लिए शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में एक मेगा रैली का आयोजन किया. पूरे कांग्रेस नेतृत्व के अलावा विपक्षी दलों के एक दर्जन से अधिक नेता रैली में शामिल हुए. हालांकि बर्फबारी ने श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद कर दिया. बहरहाल महबूबा मुफ्ती ने अपने भाषण में कहा कि ‘राहुल, तुमने कहा था कि तुम कश्मीर में अपने घर आ गए हो. यह तुम्हारा घर है. मुझे उम्मीद है कि गोडसे की विचारधारा ने जम्मू-कश्मीर से जो छीन लिया, वह इस देश से वापस मिल जाएगा. गांधी जी ने कहा कि वह जम्मू-कश्मीर में आशा की किरण देख सकते हैं. आज देश राहुल गांधी में आशा की किरण देख सकता है.’