राजनांदगाव – राजनांदगांव स्थित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के बाहर रविवार को परिजनों ने जमकर हंगामा किया। सैकड़ों की संख्या में पहुंचे परिजन स्कूल के बाहर ही धरने पर बैठ गए। करीब चार घंटे तक हंगामा चलता रहा। इसके बाद परिजन स्कूल में पढ़ने और रहने वाले अपने बच्चों को लेकर घर चले गए। परिजनों ने आरोप लगाया कि स्कूल में अराजक तत्वों का जमावड़ा लग रहा है। वहीं स्कूल प्रबंधन का कहना है कि निलंबित प्राचार्य के कारण यह सब हो रहा है।
परिजन बोले- बच्चों की सुरक्षा खतरे में
पेंड्री स्थित एकलव्य स्कूल में रविवार को पालक संघ के नेतृत्व में बड़ी संख्या में परिजन पहुंच गए। उन्होंने स्कूल कैंपस में ही धरना शुरू कर दिया। परिजनों का कहना था कि उनके बच्चों की सुरक्षा खतरे में है। यहां पर अव्यवस्था का आलम है। बच्चों को कोई सुविधा भी नहीं मिल रही। इसको लेकर कई बार प्रशासन से शिकायत की गई, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। आरोप लगाया कि स्कूल में अराजक तत्वों का प्रवेश हो गया है। इसके चलते उन्हें मजबूर होकर परिसर के बाहर बैठना पड़ा है।
शासन-प्रशासन को बताया, पर कार्रवाई नहीं
पालक संघ के अध्यक्ष रमेश हिड़ामे ने बताया कि 24 जनवरी को उन्होंने मीडिया के माध्यम से शासन को सूचित किया था। इसके पहले भी इस विषय में अधिकारियों को अवगत किया जा चुका है, लेकिन इसके बाद भी स्कूल की व्यवस्था बिगड़ती जा रही है। इस वजह से आज हम अपने बच्चों को ले जाने आए हैं। यहां आसामाजिक लोगों का प्रवेश हुआ है। इसकी शिकायत हमने लालबाग थाना और एसपी से की, लेकिन अब तक जांच को लेकर कोई जानकारी नहीं मिली है।
आरोप लगाया कि समस्या का कारण सहायक संचालक
उन्होंने कहा कि, बच्चियों के छात्रावास में यह आसामाजिक तत्व थे। इसे लेकर पत्राचार के माध्यम से शासन-प्रशासन को अवगत कराया गया, पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस वजह से हम अपने बच्चों को सुरक्षित नहीं महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्कूल में 400 से ज्यादा बच्चे पढ़ते हैं। आरोप लगाया कि इस पूरी समस्या का कारण सहायक संचालक है। परिजनों ने चेतावनी दी है कि 31 जनवरी तक व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो एक फरवरी से आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
परिजनों ने पहले भी किया था प्रदर्शन
परिजनों ने 11 दिसंबर 2022 को प्रदर्शन किया था, लेकिन अफसरों के आश्वासन पर वह शांत हो गए थे। आरोप है कि इसके बाद भी व्यवस्था में सुधार नहीं हो सका है। स्कूल में एक साल में 4 बार प्राचार्य बदले गए। आरोप है कि आर्थिक अनियमिता बरती जाती है। इसके साथ ही अव्यवस्था का आलम बना हुआ है। निर्माण और खरीदी में भ्रष्टाचार किया जाता है। हाल ही में यहां प्राचार्य को निलंबित किया गया है।