भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे राहुल गांधी,
भारत जोड़ो यात्रा – कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने शनिवार को पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी है. राहुल गांधी का यह कदम ऐसे में ज्यादा अहम माना जा रहा है जब कि कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह पुलवामा आतंकी हमले और भारतीय सेना की 2016 में की गई सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठा चुके हैं. बता दें कि 2019 में पुलवामा में भारतीय सैनिकों पर आतंकियों ने हमला कर दिया था जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे.
कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर राहुल गांधी की शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए एक तस्वीर ट्वीट की है. यह सभी जवान सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) के थे. इन सभी को जैश ए मोहम्मद आतंकी संगठन ने टारगेट किया था और 14 फरवरी 2019 में हमला किया जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे. सोशल मीडिया पोस्ट में कांग्रेस ने लिखा है, ‘उस मिट्टी को हमारा नमन जिसमें पुलवामा हमले के वीर शहीदों का खून है. आज भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने पुलवामा हमले में शहीद हुए वीर जवानों को श्रद्धांजलि दी.
विवादित बयान देने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने सोमवार को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जम्मू में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए पुलवामा हमले और सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सवाल उठाए थे. दिग्विजय ने कहा था, ‘पुलवामा में हमारे सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए. सीआरपीएफ के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया था कि जवानों को एयरलिफ्ट किया जाए, लेकिन पीएम मोदी नहीं माने. ऐसी चूक कैसे हो गई? आज तक पुलवामा पर संसद के सामने कोई रिपोर्ट नहीं रखी गई.’
75 वर्षीय दिग्विजय बोले, “उन्होंने (सरकार ने) दावा किया कि सर्जिकल स्ट्राइक की गई, लेकिन सबूत नहीं दिखाया. उन्होंने केवल झूठ फैलाया.” यहां तक कि जब बीजेपी ने प्रतिक्रिया शुरू की, तब कांग्रेस ने इस बयान से पल्ला झाड़ लिया. कांग्रेस के महासचिव और मीडिया प्रभारी जयराम रंमेश ने कहा, यह विचार दिग्विजय के अपने हैं, और कांग्रेस की सोच को नहीं दर्शाते हैं. दिग्विजय के साथ अपनी असहमति व्यक्त करते हुए, राहुल गांधी ने भी कहा कि यह वरिष्ठ नेता की अपनी राय थी न कि पार्टी की. उन्होंने यह भी कहा, सेना को अपने कार्यों का सबूत देने की आवश्यकता नहीं है.