नई दिल्ली – अब एयरलाइन अगर बिना आपको बताए आपका टिकट डाउनग्रेड करती है तो उसे आपको नए नियम के मुताबिक क्षतिपूर्ति करनी होगी. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने इससे संबंधित नियमों से संशोधन करने का फैसला किया है.
उम्मीद जताई जा रही है कि इस फैसले के बाद से अब हवाई यात्रियों को अधिक मजबूती मिलेगी. DGCA ने सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट (सीएआर) सेक्शन-3 (एम सीरीज पार्ट- IV) में संशोधन करने का निर्णय किया है.
यह धारा किसी यात्री के बोर्डिंग से मना करने, उड़ान रद्द होने व उसमें देरी होने संबंधित मामलों में जुड़ा है. इस बदलाव के बाद अगर कोई विमान कंपनी आपकी टिकट लोअर क्लास में शिफ्ट करती है और इसकी सूचना आपको पहले नहीं दी गई है तो उसे तय नियमों के तहत मुआवजा भरना होगा. CNBC TV-18 की खबर के अनुसार, ये मुआवजा कुछ इस तरह होगा.
क्या हैं नए नियम
अगर घरेलू यात्रा के दौरान किसी की टिकट को डाउनग्रेड किया जाता है तो उसे मूल टिकट का 75 फीसदी रुपया रिफंड किया जाएगा. इस रकम में टैक्स भी जोड़ा जाएगा. वहीं, अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए यह नियम अलग-अलग दूरी पर निर्भर करेगा. अगर यात्री 1500 किलोमीटर या उससे कम की दूरी तय कर रहा है और उसे बिना बताए उसका टिकट डाउनग्रेड किया गया है, तो कंपनी को टिकट का 30 फीसदी हिस्सा रिफंड करना होगा. इसकी तरह 1500 किलोमीटर से अधिक और 3500 किलोमीटर से कम की दूरी तय करने वाले यात्रियों को 50 फीसदी किराया रिफंड किया जाएगा. अगर यात्री का सफर 3500 किलोमीटर से अधिक का है तो फिर उसे 75 फीसदी किराया रिफंड किया जाएगा.
इन परिस्थितियों में मिलेगा मुआवजा
केवल बिना बताए टिकट डाउनग्रेड करने पर ही नहीं उसके अलावा भी यह मुआवजा दिया जाएगा. अगर किसी यात्री को प्लेन बोर्ड करने से मना किया जाता है या फिर बिना बताए उसकी टिकट कैंसिल कर दी जाती है तब भी उपरोक्त नियमों के तहत विमान कंपनियों द्वारा यात्रियों को रिफंड या मुआवजा दिया जाएगा. बता दें कि हाल ही में कुछ खबरें आई थीं कि विमानों ने अपने यात्रियों को लिए बगैर ही उड़ान भर दी. इससे यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. अब नए नियम लागू होने के बाद संभव है कि इस पर लगाम लगेगी.