बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा था कि एक राष्ट्र प्रेम और स्नेह से महान बनता है. रामचरितमानस, मनुस्मृति और बंच ऑफ थॉट्स जैसी किताबों ने नफरत और सामाजिक विभाजन के बीज बोए.
पटना -भगवान राम पर टिप्पणी और बिहार के मंत्री चंद्रशेखर के रामचरितमानस पर दिए गए बयान पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पलटवार किया है. गिरिराज सिंहने रविवार (22 जनवरी) को पटना में कहा कि, “जैसे भगवत् गीता हिंदुओं का पवित्र ग्रंथ है वैसे ही कुरान मुस्लिमों का पवित्र ग्रंथ है. कुरान को लेकर कोई कुछ नहीं बोलता क्योंकि सर तन से जुदा कर दिया जाता है. हिंदुओं के पवित्र ग्रंथ के खिलाफ बोलना आज के समय में फैशन बन गया है.”
बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने हाल ही में कहा था कि, “तुलसीदास की रामचरितमानस ने “सामाजिक भेदभाव और समाज में नफरत फैलाने” को बढ़ावा दिया है.” उन्होंने कहा था कि, “रामचरितमानस का विरोध इसलिए किया गया क्योंकि इसमें कहा गया था कि शिक्षित होने पर समाज का निचला वर्ग जहरीला हो जाता है. रामचरितमानस, मनुस्मृति और एमएस गोलवलकर की बंच ऑफ थॉट्स जैसी किताबों ने सामाजिक विभाजन पैदा किया.”
इससे पहले गिरिराज सिंह ने जदयू एमएलसी गुलाम रसूल बलयावी के बयान पर भी तीखा हमला बोला था. गुलाम रसूल ने कहा था कि अगर पैगंबर मुहम्मद की ओर कोई उंगली उठाई गई तो मुसलमान हर शहर को कर्बला बना देंगे. उन्होंने कहा कि मुसलमान संकोच नहीं करेंगे क्योंकि उनकी जिंदगी और सांसें उनकी नहीं बल्कि पैगंबर के लिए हैं.
नीतीश कुमार पर साधा निशाना
गिरिराज सिंह ने जेडीयू नेता पर इस तरह के बयान देकर देश के सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि, “टुकड़े टुकड़े गैंग के नेता रामायण को गाली देकर हिंदुओं का अपमान करते हैं, लेकिन कुरान पर कोई टिप्पणी करने की हिम्मत नहीं है. नीतीश कुमार (Nitish Kumar) एक असहाय मुख्यमंत्री हैं, जो धृतराष्ट्र की तरह यह सब देख रहे हैं और स्थिति को बिगड़ने दे रहे हैं.