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बागेश्वर सरकार ने स्वीकारा नागपुर का चैलेंज: कहा- रायपुर आ जाओ, किराया हम देंगे

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पंडित धीरेंद्र शास्त्री हाल ही में नागपुर गए थे। वहां उन्होंने अपना दिव्य दरबार लगाया। हालांकि राम कथा समाप्त होने से दो दिन पहले ही चले गए। इस पर समिति ने अंध विश्वास फैलाने और डर का दरबार बताया। 

रायपुर – बागेश्वर धाम वाले कथा वाचक पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने नागपुर की समिति का चैलेंज स्वीकार कर लिया है। उन्होंने कहा कि रायपुर आओ, किराया हम देंगे। कहा कि देश में अब हिंदू जाग रहे हैं। हिंदू विरोधी ताकतों को अब मुंह की खानी पड़ेगी। उन्होंने चैलेंज देने वालों को छोटी मानसिकता का और भगोड़ा बताया। यह भी कहा कि मैं कोई संत नहीं हूं। मैंने यह कभी नहीं कहा। मैं तो साधारण आदमी हूं। रायपुर में बागेश्वर सरकार की सात दिवसीय राम कथा का आयोजन हो रहा है।

नागपुर में दरबार लगा था, वहां क्यों नहीं आए
रायपुर के गुड़ियारी में हो रही श्रीराम कथा के दूसरे दिन पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि, नागपुर में कथा छोड़कर भाग जाने और अंधविश्वास के आरोप को गलत बताया। कहा कि रायपुर में 20 और 21 जनवरी को दिव्य दरबार लगेगा। इस दरबार में आकर चैलेंज स्वीकार करें। उन्होंने कहा कि नागपुर में दो दिन का दिव्य दरबार लगा था। वहां क्यों नहीं आए। किसी को पत्र लेकर ही भेज देते। इसका मतलब वे छोटी मानसिकता के लोग हैं। भगोड़े हैं।
हनुमान जी का प्रचार करना क्या गलत है
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि, जिस किसी को शंका है, वह दिव्य दरबार में आए और अपनी शंकाओं का निराकरण पाए। अवश्य ईश्वरीय शक्तियां होती है। आप भी अनुभव करेंगे। तभी विश्वास कर पाएंगे। बोलने में विश्वास नहीं हो पाएगा। उन्होंने कहा कि हमें हनुमान जी ने जो ईश्वरीय शक्तियां दी है। उसका उपयोग लोगों के हित में कर रहे हैं। हम कभी अपने आप को ईश्वर नहीं बता रहे हैं। हनुमान जी को मानना, हनुमान जी की बात करना, हनुमान जी की चालीसा को फैलाना क्या गलत है।
अपने ईष्ट का प्रचार कर रहे, किसी को बुलावा नहीं भेजते
शास्त्री ने कहा कि, हम समस्या खत्म कर देने का कोई दावा नहीं करते हैं। हम कोई दक्षिणा भी नहीं लेते, कोई शुल्क भी नहीं लेते हैं। हम कोई चमत्कारी नहीं है। उन्होंने कहा कि, ‘भूत पिशाच निकट नहीं आवें, महावीर जब नाम सुनावें’ क्या ये कहना गलत है। अगर हम गलत हैं तो सभी हनुमान भक्तों पर एफआईआर होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि, हमने नागपुर में संविधान का उल्लंघन नहीं किया। ना ही कभी करेंगे। हम अपने ईष्ट का प्रचार कर रहे हैं। किसी को बुलावा नहीं भेजते। 

हिंदू विरोधी ताकतों को मुंह की खानी पड़ेगी

पंडित शास्त्री ने कहा कि, धीरे-धीरे देश के हिंदू जाग रहे हैं। हिंदू विरोधी ताकतों को अब मुंह की खानी पड़ेगी। वे भाग खड़े होंगे। धर्मांतरण पर बोलते हुए उन्होंने कहा बाघेश्वर धाम वनवासी क्षेत्रों में कथा आयोजित कर भोले-भाले लोगों को जागृत करने का कार्य कर रहा है। आने वाले दिनों में लोगों में जागरुकता आएगी। साथ ही धर्मांतरण का ग्राफ अपने आप गिरने लगेगा। उन्होंने कहा कि,  मध्यप्रदेश के दामोह में 160 परिवारों को धर्मांतरण से बचाया है।

नागपुर समिति ने बताया है-डर का दरबार

दरअसल, सारा विवाद नागपुर की अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक और नागपुर की जादू-टोना विरोधी नियम जनजागृति प्रचार-प्रसार समिति के सह-अध्यक्ष श्याम मानव के बयान के बाद शुरू हुआ। पंडित धीरेंद्र शास्त्री हाल ही में नागपुर गए थे। वहां उन्होंने अपना दिव्य दरबार लगाया। हालांकि राम कथा समाप्त होने से दो दिन पहले ही चले गए। इस पर समिति ने अंध विश्वास फैलाने और डर का दरबार बताया। साथ ही भक्तों की समस्याएं और उनको लेकर किए जाने वाले दावों को सिद्ध करने के लिए कहा था।