छतरपुर जिले में स्थित बागेश्वर धाम के पुजारी पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का विवादों से रिश्ता नया नहीं है। अपने दरबार में अछूत शब्द के इस्तेमाल से लेकर हिंदू विरोधियों को बुलडोजर चलाने की धमकी तक वे दे चुके हैं। इतना ही नहीं, अपनी कथित चमत्कारी शक्तियों के लिए मशहूर बाबा पर जमीन हड़पने के आरोप भी लग चुके हैं।
छतरपुरन- मध्य प्रदेश में छतरपुर जिले के गढ़ा गांव में स्थित बागेश्वर धाम के पुजारी पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने उन्हें चुनौती देने वालों के लिए आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया है। पंडित शास्त्री ने कहा है कि उन्हें चुनौती देने वाले लोग तब कहां थे, जब वे नागपुर में थे। उनके बाप मर गए थे या उन्होंने हाथों में चूड़ियां पहन रखी थीं। दरअसल, नागपुर की अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने पंडित शास्त्री को उनकी शक्तियां साबित करने की चुनौती दी थी। समिति ने चेतावनी दी थी कि ऐसा नहीं करने पर उनके खिलाफ The drugs and Magic Remedies कानून के तहत एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। इसी का जवाब देते हुए पंडित शास्त्री ने अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल किया है।
साईं बाबा को बताया चांद मियां
जून, 2022 में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने साईं बाबा को लेकर विवादित बयान दिया था। उन्होंने साईं बाबा को चांद मियां बताया था। मंदिरों में साईं बाबा की मूर्ति की पूजा का विरोध करते हुए उन्होंने कहा था कि जब सनातनियों के पास पूजा करने के लिए 33 कोटि देवी-देवता हैं तो चांद मियां को पूजने की जरूरत क्या है।
सभा में अछूत शब्द का प्रयोग
2022 के ही मई महीने में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का एक वीडियो वायरल हुआ था। इसमें उन्होंने एक शख्स के लिए अछूत शब्द का इस्तेमाल किया था। एक दरबार के दौरान उन्होंने एक शख्स को अपने पास बुलाया। जैसे ही वह व्यक्ति उनके पास आया और पैर छूने की कोशिश की तो बाबा ने यह कहकर रोक दिया कि छूना नहीं हमें, अछूत आदमी हैं। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार करने की मांग जोर पकड़ने लगी थी। ट्विटर पर भी #ArrestDhirendraShastri ट्रेंड करने लगा था।
बुलडोजर चलाने की धमकी
जमीन हड़पने के आरोप
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर उनके ही गांव के लोग जमीनें हड़पे का भी आरोप लगा चुके हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि पंडित शास्त्री और उनके सेवादार उनकी जमीनों पर जबरन कब्जा कर रहे हैं। गांव में ही रहने वाला एक परिवार इसके खिलाफ छतरपुर कलेक्ट्रेट में धरने पर बैठ गया था। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि बार-बार शिकायतों के बावजूद पंडित धीरेंद्र शास्त्री के खिलाफ जिला प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करता।