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जोशीमठ भू धंसाव – 68 घरों के लोग शिफ्ट, 600 घर चिन्हित… खतरे में 25 फीसदी हिस्सा

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जोशीमठ में घरों और ज़मीन पर पड़ी दरारें हर घंटे चौड़ी होती जा रही हैं। प्रशासन ने डेंज़र ज़ोन के घरों पर लाल निशान लगा दिए हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है।

उत्तराखंड – जोशीमठ को बचाने के लिए उत्तराखंड सरकार से लेकर केंद्र सरकार इस समय फुल एक्शन में हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का जोशीमठ को लेकर अभी-अभी बड़ा बयान आया है। धामी ने कहा सबको एक टीम की तरह काम करके जोशीमठ को बचाना है। डेंजर जोन के 68 घरों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया गया है। 600 घरों का एक जोन बनाया गया है और उनमें रहने वाले लोगों को भी कुछ ही दिनों में सेफ जोन में पहुंचा दिया जाएगा।

खतरे में जोशीमठ का 25 फीसदी हिस्सा 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे हालात पर नजर बनाए हुए हैं और हर संभव मदद का भरोसा भी दिया है। बता दें कि जोशीमठ पर जो रिपोर्ट आई है उसपर देहरादून से लेकर दिल्ली तक मंथन हो रहा है। सर्वे रिपोर्ट तो 2 दिन की ही है लेकिन इसमें जोशीमठ की वजह से देवभूमि के लिए दूरगामी परिणाम छिपे हैं। रिपोर्ट में जोशीमठ का 25 फीसदी हिस्सा खतरे में बताया गया है। कई सेंसटिव इलाके ऐसे हैं जहां मकानों को ध्वस्त करना पड़ सकता है।

तीन चरण का एक्शन प्लान
जोशीमठ संकट पर केंद्र सरकार भी एक्शन है। जोशीमठ में कल पीएमओ ने हाईलेवल मीटिंग की है। इस मीटिंग में जोशीमठ संकट को लेकर एक्शन प्लान बनाने की बात हुई। इस प्लान के तहत पहला कदम लोगों को डेंजर जोन से निकालना होगा। दूसरा कदम लैंडस्लाइड की वजह का पता लगाना होगा और तीसरा कदम लैंडस्लाइड को रोकने का समाधान निकालना होगा।

अगले 72 घंटे बेहद अहम, घरों पर लाल निशान
जोशीमठ में घरों और ज़मीन पर पड़ी दरारें हर घंटे चौड़ी होती जा रही हैं। प्रशासन ने डेंज़र ज़ोन के घरों पर लाल निशान लगा दिए हैं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है। होटलों पर भी रेड मार्किंग की गई हैं। अगले 72 घंटे बेहद अहम माने जा रहे हैं। वहीं, डिज़ास्टर मैनेजमेंट डिपार्टमेंट ने जोशीमठ नगर पालिका क्षेत्र को आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित कर दिया है। आज केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की हाई लेवल टीम पहुंचने वाली है। जोशीमठ नगर पालिका और आसपास के इलाक़े में सभी कंस्ट्रक्शन पर रोक लगा दी गई है। जो लोग अस्थाई रूप से विस्थापित हुए हैं उनको राहत सामग्री दी जा रही है।