धमतरी – नगरी के लखनपुरी में मड़ई का आयोजन था, जहां सभी घरों में मेहमान भी पहुंच गए थे। गांव में खुशी का माहौल था, जहां कुछ व्यापारी भी रात में पहुंच कर अपनी दुकान लगाने में व्यस्त थे कि अचानक सिकासेर दल के 32 हाथियों का दल गांव में पहुंच गया। इससे पूरे गांव में अफरा-तफरी मच गई। ग्रामीणों ने बताया कि वन विभाग के कर्मचारी रात में गजराज वाहन से पहुंच तो गए, लेकिन हाथियों को गांव से बाहर निकालने उनके पास समुचित व्यवस्था नहीं थी। यहाँ तक कि उनके हाथों में टॉर्च तक नहीं था।
मोबाईल टार्च के सहारे खुद थे। गजराज वाहन में सवार होकर सायरन बजाते बस गांव की गलियों का चक्कर लगाते रहे, जिससे पूरे ग्रामीणों में वन विभाग के कर्मचारियों की कार्यशैली को लेकर उग्र हो गए। इसके बाद ग्रामीणों ने इकठ्ठा होकर मशाल जलाकर व पैरा को जलाया। गांव वाले टार्च लेकर हाथियों को गांव से बाहर खदेड़ा। यही नहीं हाथी भी गांव से बाहर जाने के कुछ समय बाद वापस गांव में फिर पहुंच जाते थे। यह सिलसिला चलता रहा। रातभर ग्रामीण रतजगा करते रहे और हाथियों को गांव में घुसने से रोके रखा।