दिसंबर, जनवरी में प्रति यूनिट 49 पैसे वृद्धि हुई थी। सितंबर 2022 में भी वीसीए चार्ज बढ़ाया गया था। सितंबर में 0.23 पैसे प्रति यूनिट बढ़ोतरी हुई। बिजली 4 महीने में 0.72 पैसे यूनिट महंगी हुई है। बताया जा रहा कि अगस्त और सितंबर में खरीदी गई बिजली महंगी मिली है।
रायपुर – छत्तीसगढ़ के उपभोक्ताओं को सर्दी में बिजली का झटका लगा है। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी ने गुरुवार को वीसीए (वैरिएबल कॉस्ट एडजेस्टमेंट) चार्ज 49 पैसा प्रति यूनिट बढ़ाने का फैसला किया है। इसके चलते अब यह बढ़कर 1.10 रुपये प्रति यूनिट हो गया है। पहले यह 61 पैसे था। चार माह में यह दूसरी बार है, जब कंपनी की ओर से वीसीए चार्ज बढ़ाया गया है। उपभोक्ताओं को अब 100 यूनिट पर 49 रुपये ज्यादा देने होंगे।
CSPDCL को करना पड़ रहा है 459 करोड़ ज्यादा भुगतान
कंपनी की ओर से बताया गया है कि अगले माह से यह बढ़ोतरी की जा रही है। इसका कारण अगस्त और सितंबर के दौरान जो बिजली NTPC से खरीदी गई, उसमें विद्युत नियामक आयोग की ओर से अनुमोदित दर की तुलना में 459 करोड़ ज्यादा का भुगतान करना पड़ा है। जबकि बिजली कंपनी से क्रय की जाने वाली बिजली बिल की तुलना में 26 करोड़ रुपये की कमी आई है। इससे बिजली खरीदने में 549 करोड़ रुपये की वृद्धि हो गई है।
सितंबर में भी बढ़ाया था वीसीए चार्ज
इससे पहले दिसंबर, जनवरी में प्रति यूनिट 49 पैसे वृद्धि हुई थी। सितंबर 2022 में भी वीसीए चार्ज बढ़ाया गया था। सितंबर में 0.23 पैसे प्रति यूनिट बढ़ोतरी हुई। बिजली 4 महीने में 0.72 पैसे यूनिट महंगी हुई है। बताया जा रहा कि अगस्त और सितंबर में खरीदी गई बिजली महंगी मिली है। बिजली के लिए जो पैसे ज्यादा दिए गए हैं, उसे एडजस्ट करने के लिए ही वीसीए चार्ज में 0.49 रुपए प्रति यूनिट की वृद्धि की जा रही है।
बिजली कंपनियां और अनुमोदित दर की तुलना में वृद्धि
नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन 459 करोड़ रुपये
- एनटीपीसी-सेल पावर कॉरपोरशन 5.74 करोड़ रुपये
- सीएसपीजीसीएल – (नवीकरणीय स्त्रोत) 18.79 करोड़ रुपये
- सीएसपीजीसीएल-(तापीय स्त्रोत ) (-) 26.51 करोड़ रुपये
- अन्य (बायोमॉस, सौर, लघु जल, नाभिकीय उर्जा संयंत्र आदि) 92 करोड़ रुपये
- सकल वीसीए राशि 549.01 करोड़ रुपये
हर दो माह में होती है वीसीए की गणना
वीसीए की गणना प्रत्येक दो माह में की जाती है। अगस्त और सितंबर के दौरान वीसीए के कारण ड्रिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को खरीदी गई बिजली पर विद्युत नियामक आयोग की ओर से अनुमोदित दर की तुलना में 549 करोड़ रुपये का ज्यादा भुगतान करना पड़ा है। इसमें प्रमुख हिस्सा एनटीपीसी का 459 करोड़ रुपये का है। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी के बिल में आयोग द्वारा अनुमोदित दर की तुलना में 26.51 करोड़ रुपये की कमी आई है।