नई दिल्ली – देश-दुनिया में एक बार फिर कोरोना अपना पैर पसारने लगा है। चीन में कोरोना का नया वैरिएंट सामने आया है। इस वैरिएंट ने न सिर्फ चीन बल्कि भारत की भी चिंता बढ़ा दी है। ऐसा इसलिए क्योंकि कोरोना का नया वैरिएंट BF.7 चीन में लगातार तबाही मचा रहा है। इसके साथ ही भारत में भी इस वैरिएंट के 5 मरीज मिले हैं। इनमें से तीन गुजरात से हैं, तो वहीं दो मरीज ओडिसा से सामने आए हैं। ऐसे में भारत में कोरोना को लेकर सतर्कता बाराती जा रही है। ताकि इस बार भारत को कोरोना की तीसरी लहर का प्रकोप न झेलना पड़े।
वैसे तो भारत में कोरोना के मामलों में लगातार कमी दर्ज की जा रही है। इसके बावजूब कोरोना वायरस के मामलों को लेकर भारत अलर्ट मोड पर है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस बैठक की खास बात है कि इस मीटिंग के बाद अधिकारी टीकाकरण की बात करते नजर आए। फिलहाल, भारत में नागरिकों को कोविड-19 के खिलाफ तीन डोज दिए जा रहे हैं। इनमें एक प्रिकॉशनरी यानी एहतियात डोज भी शामिल है। इसके बाद अब कोरोना का नया वैरिएंट मिलने से एक नया सवाल ये खड़ा होता है कि क्या अब चौथी खुराक की भी जरूरत पड़ने वाली है?
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल ने बुधवार को लोगों को टीका लेने तथा भीड़-भाड़ वाली जगह पर मास्क पहनने की सलाह दी है। उन्होंने लोगों से नहीं घबराने की अपील की और स्पष्ट किया कि अंतरराष्ट्रीय हवाई यात्रा के दिशा-निर्देशों में अब तक कोई बदलाव नहीं किया गया है। पॉल ने कहा, ‘लोगों को भीड़-भाड़ वाले इलाकों में मास्क पहनना चाहिए। जिन लोगों को पहले से कोई बीमारी है या बुजुर्ग हैं, उन्हें विशेष रूप से इसका पालन करना चाहिए।’
चौथे डोज की जरुरत है?
AIIMS की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि फिलहाल चौथे डोज की जरूरत नहीं है। AIIMS के पूर्व निदेशक ने वर्तमान में भारत में कोरोना के चौथे डोज से इनकार किया हैं। एक मीडिया चैनल से बात करते हुए उन्होंने बताया कि ‘कोई भी डेटा नहीं है, जो बताता हो कि चौथे डोज की जरूरत हो। इसकी जरूरत तब तक नहीं होगी जब तक बाइवेलेंट वैक्सीन की तरह किसी खास वेरिएंट के लिए कोई नई वैक्सीन नहीं आती।’