ग्रामीणों का विरोध चिलपरस के एक युवक सुरेश साहू की गिरफ्तार को लेकर भी है। पुलिस का कहना है कि पकड़ा गया आरोपी सुरेश नक्सलियों की सप्लाई टीम का सदस्य है। जबकि सुरेश की पत्नी पुनीता का कहना है वह खेती किसानी का काम करता है। ग्रामीणों ने बताया गांव में उसकी किराना दुकान है।
दरअसल, कोयलीबेड़ा से करीब 12 किमी दूर नक्सल संवेदनशील ग्राम पंचायत पानीडोबीर के आश्रित ग्राम चिलपरस में BSF 30वीं बटालियन ने नया कैंप खोला है। इसके लिए जवान शुक्रवार शाम ही पैदल रवाना हो गए थै। रात में पूरी टीम चिलपरस पहुंची और शनिवार तड़के से कैंप खोलने का काम शुरू किया गया। इसी दिन ग्रामीणों को भी कैंप खोले जाने की जानकारी लग गई। इसके बाद विरोध शुरू हो गया।
शाम तक बड़ी संख्या में ग्रामीण वहां पहुंच गए और कैंप के खिलाफ धरना देना शुरू कर दिया। इसके बाद से ग्रामीण वहीं धरने पर बैठे हुए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बिना ग्राम सभा से पास कराए कैंप खोला गया है। विरोध में कोयलीबेड़ा, तुरसानी, केसोकोड़ी, पानीडोबिर, गुड़ाबेड़ा, कामतेड़ा, कौड़ो साल्हेभाट, चारगांव, कड़मे, छोटे बोदेली, पोरोंडी, सिकसोड़, बदरंगी, जिरम तराई, दड़वी साल्हेभाट गांव के ग्रामीण शामिल हैं।
बीएसएफ ने कहा ग्रामीणों को मिलेगी मदद
वहीं, बीएसएफ ने एक प्रेस नोट जारी कर कहा है चिलपरस में कैंप खुलने से चिलपरस सहित, पानीडोबरी, कागबरस और अन्य क्षेत्र में विकास के कार्य में प्रगति आएगी। सड़क और नदी-नाले में पुल-पुलिया निर्माण हो सकेगा। कैंप स्थापना के साथ ही जवानों ने ग्रामीणों की मदद की दिशा में काम शुरू कर दिया है। रविवार को ग्रामीणों के लिए मेडिकल कैंप लगाया गया और दवाइयां दी गईं। बीएसएफ का कहना है कि इससे ग्रामीणों को मदद मिलेगी। अमर उजालाau