छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में एक बार फिर आदिवासी और पुलिस आमने सामने हैं. ग्रामीणों की सुरक्षा व्यवस्था का हवाला देकर पुलिस ने ग्राम पंचायत मेटानार के आश्रित ग्राम ब्रेहबेड़ा में पुलिस कैंप खोला है. लेकिन आदिवासी इसका विरोध कर रहे हैं. आदिवासियों का कहना है कि पुलिस ने उन्हें चारों तरफ से घेर लिया है. वे कलेक्टर से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपना चाहते हैं लेकिन मिलने नहीं दिया जा रहा है.
नारायणपुर – छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में एक बार फिर आदिवासी और पुलिस आमने सामने हैं. ग्रामीणों की सुरक्षा व्यवस्था का हवाला देकर पुलिस ने ग्राम पंचायत मेटानार के आश्रित ग्राम ब्रेहबेड़ा में पुलिस कैंप खोला है. लेकिन आदिवासी इसका विरोध कर रहे हैं. आदिवासियों का कहना है कि पुलिस ने उन्हें चारों तरफ से घेर लिया है. वे कलेक्टर से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपना चाहते हैं लेकिन मिलने नहीं दिया जा रहा है.
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में एक बार फिर आदिवासी और पुलिस आमने सामने हैं. ग्रामीणों की सुरक्षा व्यवस्था का हवाला देकर पुलिस ने ग्राम पंचायत मेटानार के आश्रित ग्राम ब्रेहबेड़ा में पुलिस कैंप खोला है. लेकिन आदिवासी इसका विरोध कर रहे हैं. आदिवासियों का कहना है कि पुलिस ने उन्हें चारों तरफ से घेर लिया है. वे कलेक्टर से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपना चाहते हैं लेकिन मिलने नहीं दिया जा रहा है.
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में एक बार फिर आदिवासी और पुलिस आमने सामने हैं. ग्रामीणों की सुरक्षा व्यवस्था का हवाला देकर पुलिस ने ग्राम पंचायत मेटानार के आश्रित ग्राम ब्रेहबेड़ा में पुलिस कैंप खोला है. लेकिन आदिवासी इसका विरोध कर रहे हैं. आदिवासियों का कहना है कि पुलिस ने उन्हें चारों तरफ से घेर लिया है. वे कलेक्टर से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपना चाहते हैं लेकिन मिलने नहीं दिया जा रहा है.