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मेरा बाल भी बांका नहीं कर सकी ED-CBI… जनसभा से गरजे ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक, BJP को कहा साइबेरियन पक्षी

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तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बर्नजी ने शनिवार को नदिया के रानाघाट में एक जनसभा की। जनसभा से अभिषेक बनर्जी ने मोदी सरकार और जांच एजेंसियों ईडी और

कोलकाता – राज्य में शनिवार को एक ओर जहां गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बैठक चल रही थी, वहीं दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस सांसद अभिषेक बनर्जी ने रानाघाट में जनसभा कर रहे थे। नदिया जिले के रानाघाट में शनिवार को अभिषेक बनर्जी केंद्र सरकार और बीजेपी पर जमकर बरसें। अभिषेक बनर्जी ने कहा कि मोदी सरकार की ED और CBI मेरा बाल भी बांका नहीं सकी है। केंद्र सरकार मेरा कुछ भी बिगाड़ नहीं सकती है। कटाक्ष करते हुए बीजेपी को साईबेरियन पक्षी कहा है। वहीं सभा से राज्य बीजेपी पर भी इसके साथ ही अभिषेक ने नदिया जिले के कटला पंचायत के ग्राम प्रधान को इस्तीफा देने को कहा। उन्होंने कहा हम नदिया से हार गए यह हमारी गलती है।

EDऔर CBI मेरा बाल भी बांका नहीं सकी

तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी ने सीधे बीजेपी हमला करते हुए कहा कि मोदी सरकार की ED और CBI मेरा बाल भी बांका नहीं सकी है। हम वों हैं तो सीधे सिर उठा के चलते हैं। हमें धमकाने से कुछ नहीं होगा। तृणमूल वो तपता लोहा है तो ऐसे वार से नहीं टूटेगा। बल्कि और भी मजबूत होगा। टीएमसी हमेशा विरोधी शक्तियों से लड़ती रहेगी, पर झुकेगी नहीं। बीजेपी हमें न धमका सकती हैं न अंगुली उठा सकती हैं।

साइबेरियन पक्षी हैं बीजेपी

सचिव अभिषेक बनर्जी ने अभिषेक ने बीजेपी को साइबेरियन पक्षी बताते हुए कहा कि जब चुनाव आता है तो वे ये प्रवासी पक्षी चले आते हैं। चुनाव खत्म होने पर चले जाते हैं। उन्होंने कहा,’ अब मैं तृणमूल का अखिल भारतीय महासचिव हूं। जब आप मुझे कॉल करेंगे तो मैं आपको हमेशा मिलूंगा। अगर मैं गलत हूं तो कृपया मुझे क्षमा करें। लेकिन यहां प्रवासियों को जगह न दें। हम अपने घर के लोग हैं। आप हमें चार बातें सुना सकते हैं , पर किस बाहरी को घर में घुसने न दें।

बीजेपी का कचरा हटाए

सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि रानाघाट में बीजेपी का कचरा हटायें। बीजेपी को हटाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि निजी स्वार्थ के लिए पार्टी में शामिल होने की कोशिश की तो दरवाजा खुला है वे पार्टी छोड़कर चले जाएं। साल 2011, 2014 में नदिया से तृणमूल जीती थी। लेकिन उसके बाद ऐसा क्या हुआ कि रानाघाट की जनता ने हमे नहीं चुना।