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प्रदेश में फिर हाथी की मौत – अब रायगढ़ में करंट की चपेट में आया, दो माह में तीसरी घटना

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वन विभाग की रेंजर प्रभावती चौहान ने बताया कि घटना की जानकारी उच्च अधिकारी को दे दी गई है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में 40 हाथियों का दल विचरण कर रहा है। यह हाथी उसी दल का सदस्य हो सकता है, जो कि उनसे बिछड़ कर गांव की ओर चला गया होगा। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। 

रायगढ़ – छत्तीसगढ़ में हाथियों की मौत का सिलसिला एक बार फिर शुरू हो गया है। अब रायगढ़ में गुरुवार को एक हाथी का शव मिला है। इस हाथी की मौत भी करंट लगने से हुई है। पिछले दो माह में हाथी का शव मिलने की यह तीसरी घटना है। इससे पहले 27 नवंबर को सूरजपुर में एक हाथी को करंट लगाकर मार दिया गया था। फिलहाल सूचना मिलने के बाद वन विभाग की टीम मौके पर है।

जानकारी के मुताबिक, कांसाबेल वन परिक्षेत्र के ग्राम पंचायत केनाडंड के बढ़नीझरिया सिकीपानी में हाथी का शव मिला है। बताया जा रहा है कि बुधवार रात 11 केवी के तार की चपेट में आने से उसकी मौत हुई है। ग्रामीणों ने सुबह शव देखा तो वन विभाग को सूचना दी। फिलहाल वन विभाग की टीम ने वन्य जीव चिकित्सकों को बुलाया है। पोस्टमार्टम के बाद हाथी के शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा।

सूरजपुर में चार दिन पहले मिला था हाथी का शव
इससे चार दिन पहले सूरजपुर में रविवार सुबह एक नर हाथी का शव मिला था। आशंका है कि करंट लगाकर हाथी को मारा गया है। बताया गया था कि हाथी के शरीर पर करंट के निशान मिले थे। मृत हाथी की उम्र करीब 20 से 22 साल के बीच थी। यह भी बताया गया कि खेतों कर रखवाली के लिए ग्रामीणों ने तार लगा रखे थे। उसकी चपेट में आने से मौत हुई। हालांकि वन विभाग की टीम के पहुंचने से पहले ही तार हटा लिए गए थे।

अक्तूबर में भी मिला था हाथी का शव
इससे पहले प्रतापुर वन मंडल में करीब तीन माह पहले अक्तूबर में भी एक मादा हाथी का शव मिला था। उसके चेहरे और सिर पर चोट के निशान थे। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि किसी नर हाथी से हुई लड़ाई में उसकी मौत हुई है। वहीं 11 माह पहले करंट लगने से भी एक मादा हाथी की मौत हो गई थी। प्रतापपुर, रमकोला और घुई क्षेत्र में विद्युत विभाग की ओर से लगाए गए तार नीचे झूल रहे हैं। जिसकी चपेट में भी हाथी आ रहे हैं।