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संसद का शीतकालीन सत्र आज से होगा शुरू, सरकार पेश करेगी ये 16 नए बिल, जानिए हर अपडेट

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संसद का शीतकालीन सत्र बुधवार से शुरू होने जा रहा है। सत्र में सरकार की तरफ से 16 नए बिल पेश किए जाएंगे। दूसरी तरफ विपक्ष सत्र के दौरान सरकार को घेरने की तैयारी में है। विपक्ष चीन सीम, जांच एजेंसियों के गलत इस्तेमाल, महंगाई, बेरोजगारी को मुद्दा बना सकता है।

नई दिल्ली –  संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू होने जा रहा है, जो 29 दिसंबर तक चलेगा। गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनावों के चलते सत्र इस बार देर से शुरू हुआ है। माना जा रहा है कि सत्र पर चुनावी नतीजों का साया भी दिखेगा। इस दौरान संसद की 17 बैठकों आयोजित की जाएंगी। सरकार की ओर से 16 नए बिल पेश किए जाएंगे, जबकि सत्र की समाप्ति से पहले सरकार की योजना 23 बिलों को पास कराने की है। सरकार ने मंगलवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें सदन चलाने को लेकर विपक्ष सहित सभी दलों से सहयोगी की अपील की। बैठक में कांग्रेस, टीएमसी, डीएमके, बीजेडी, आप सहित 31 दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया। बैठक में सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी भी मौजूद थे। सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए रक्षा मंत्री और लोकसभा के उपनेता राजनाथ सिंह ने सदन के सुचारू कामकाज संचालित होने के लिए सभी दलों का सहयोग मांगा।

बैठक के बाद लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी का कहना था कि हम मांग करेंगे कि बहु-राज्यीय सहकारी समितियां (संशोधन) बिल और वन (संरक्षण) संशोधन बिल को संसद की स्थायी समिति को भेजा जाए। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार ने विभिन्न दलों के सदन के नेताओं के साथ सत्र में उठाए जाने वाले मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की और उन्हें शुरू में ही बता दिया कि लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति की अनुमति से नियमों के तहत उनके उठाए मुद्दों पर चर्चा कराने को सत्ता पक्ष तैयार है। सूत्रों के दौरान बैठक में जोशी ने सरकार के विधायी कामकाज का ब्योरा रखा और बिलों को पारित कराने में विपक्ष का सहयोग मांगा। बैठक में कांग्रेस और टीएमसी नेताओं ने जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग का मुद्दा उठाया तो आप, एनसीपी सहित कुछ दलों ने इसका समर्थन किया। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बिजनेस अडवाइजरी कमिटी की मीटिंग में सभी दलों से अपील की कि सदन को सुचारू रूप से चलाया जाए।

संसद सत्र में सरकार का अजेंडा

सत्र के दौरान सरकार की कोशिश एक दर्जन से अधिक बिलों को पारित कराने और अनुदान की अनुपूरक मांगों को पारित कराने की रहेगी। इनमें लोकसभा से पास हो चुके और राज्यसभा में लंबित चार बिल भी हैं। राज्यसभा में ऐसे तीन बिल और भी आ सकते हैं, जिनकी रिपोर्ट सदन में पेश हो चुकी है। वहीं बिजली संशोधन बिल, टेलिकॉम बिल और डेटा प्रोटेक्शन बिल जैसे तीन अहम बिल फिलहाल संसदीय समितियों के सामने विचारार्थ हैं, इनकी रिपोर्ट अभी नहीं आई है। सरकार की कोशिश इन्हें भी सदन में लाने की रहेगी। इस बार सदन में आने वाले अहम बिलों में बहु-राज्यीय सहकारी समितियों में जवाबदेही बढ़ाने और चुनावी प्रक्रिया में सुधार से संबंधित बिल, वन संरक्षण और संशोधन बिल, राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग बिल और राष्ट्रीय नर्सिंग आयोग संबंधी बिल भी शामिल हैं।

सत्र के दौरान ये होंगे विपक्ष के मुद्दे

सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने साफ कर दिया कि महंगाई, बेरोजगारी, सरकारी एजेंसियों के कथित दुरुपयोग, सीमा पर तनाव, ईडब्लूयएस आरक्षण और साइबर क्राइम जैसे अहम मुद्दों को सदन में उठाएगा। विपक्ष के तेवर से लगता है कि पूर्वी लद्दाख में चीन से लगी सीमा की स्थिति और जांच एजेंसियों के कथित दुरुपयोग के मुद्दे पर सदन में टकराव की स्थिति पैदा हो सकती है। अधीर रंजन चौधरी का कहना था कि चीन से लगी सीमा पर स्थिति के बारे में हमें सही ढंग से जानकारी नहीं दी जा रही है। विपक्ष चाहता है कि सत्र के दौरान इस विषय पर भी चर्चा हो। चौधरी का कहना था कि देश में आज मुद्दे ही मुद्दे हैं और विपक्ष सदन में चर्चा और सिर्फ चर्चा करना चाहता है। ऐसे में चर्चा के लिये पर्याप्त समय देकर सरकार को सदन में कामकाज का माहौल तैयार करना चाहिए। बीजेडी की ओर महिला आरक्षण के मुद्दे को लेकर अपने सरोकार सामने रखे गए। वहीं कांग्रेस और आप जैसे दल किसानों से जुड़े मुद्दे को भी उठाना चाहते हैं।