कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी के सी वेणुगोपाल ने मल्लिकार्जुन खड़गे के निर्देश पर नए प्रभारियों की नियुक्ति की है. सुखविंदर सिंह रंधावा को राजस्थान का इंचार्ज बनाया गया है.
रायपुर – छत्तीसगढ़ में लंबे समय बाद पीएल पुनिया (P L Punia) को प्रदेश प्रभारी के पद से हटाया गया है. पुनिया की जगह हरियाणा कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष रह चुकी कुमारी शैलजा (Kumari Selja) को छत्तीसगढ़ का प्रभारी महासचिव बनाया गया है. इसे 2023 विधानसभा चुनाव के लिए बहुत अहम माना जा रहा है, क्योंकि 2023 में सत्ता रिटर्न के लिए पार्टी में जमकर घमासान हो सकता है. पार्टी के भीतर जख्म लिए नेताओं को मनाना और संगठन को मजबूत करना शैलजा के लिए बड़ी जिम्मेदारी होगी.
छत्तीसगढ़ का प्रभार कुमारी शैलजा को मिला
दरअसल, सोमवार को कांग्रेस के जनरल सेक्रेटरी के सी वेणुगोपाल ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के निर्देश पर नए प्रभारियों की नियुक्ति की है. सुखविंदर सिंह रंधावा को राजस्थान का इंचार्ज बनाया गया है. इसके साथ रंधावा को स्टीयरिंग कमेटी का सदस्य भी बनाया गया है. शक्ति सिंह गोहिल को हरियाणा का इंचार्च बनाया गया है साथ ही उनके पास अतिरिक्त प्रभार में दिल्ली भी रहेगा. यानी स्टीयरिंग कमेटी की बैठक के बाद ये फैसला लिया गया है. खड़गे पार्टी में काम करने वाले लोगों को जिम्मेदारी दे रहे हैं. उन्होंने बैठक में ये साफ कर दिया था.
पुनिया को लंबे समय बाद हटाया गया
आपको बता दें कि पीएल पुनिया लंबे समय से छत्तीसगढ़ का प्रभार संभाल रहे थे. पुनिया के कार्यकाल में 2018 में कांग्रेस पार्टी को बड़ी जीत मिली थी. इसके बाद लगातार चार उपचुनाव में कांग्रेस को जीत मिली है. वहीं भानुप्रतापुर विधानसभा उपचुनाव के लिए भी पुनिया कांग्रेस पार्टी की कई बैठकों में शामिल होते रहे हैं. उपचुनाव के मतदान खत्म होने के साथ देर रात उनको छत्तीसगढ़ के प्रभारी पद से हटा दिया गया है.
कौन हैं कुमारी शैलजा
मिशन 2023 के लिए पीएल पुनिया एक्टिव नजर आ रहे थे, लेकिन पार्टी ने मिशन 2023 फतह करने के लिए कुमारी शैलजा पर भरोसा जताया है. कुमारी शैलजा हरियाणा की रहने वाली है. इनकी स्कूली पढ़ाई दिल्ली में हुई है और उच्च शिक्षा पंजाब यूनिवर्सिटी में हुई है. कुमारी शैलजा ने महिला कांग्रेस के अध्यक्ष प्रभार के साथ संगठन में काम शुरू किया था. शैलजा यूपीए की दोनों सरकार में मंत्री रह चुकी हैं. वहीं हरियाणा कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष के रूप में काम कर रही थी, लेकिन पद से इस्तीफा दे दिया था.