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एग्जिट पोल के आते ही ‘बागियों’ को मिलने लगा वापस लौटने का ऑफर, जीते तो सारी गलतियां माफ!

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हिमाचल प्रदेश के एग्जिट पोल ने भाजपा और कांग्रेस की धड़कनें बढ़ा दी हैं। खासतौर से एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल ने कांग्रेस पार्टी को, 30-40 सीटें मिलने की संभावना जताई है। भाजपा को 24-34 सीटें मिल सकती हैं। हिमाचल प्रदेश की 68 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 35 है। इंडिया टीवी, जी न्यूज के एग्जिट पोल में भाजपा को 35 से 44 सीट मिलने की बात कही गई है, जबकि कांग्रेस के खाते में 21-31 सीट दिखाई गई हैं।

न्यूज-24 चाणक्य के पोल में भाजपा-कांग्रेस को 33-33 सीटें मिलती हुई दिख रही हैं। टाइम्स नाउ ने भाजपा को 38 और कांग्रेस को 28 व अन्य को दो सीटें दी हैं। एग्जिट पोल के नतीजों पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर खुश हैं। वे कहते हैं कि हिमाचल में ‘रिवाज’ बदलेगा, भाजपा को दोबारा से सत्ता में आने का मौका मिलेगा। एग्जिट पोल में दोनों पार्टियों के बीच कड़ा मुकाबला सामने आने के बाद, अब बागियों पर नजरें टिक गई हैं। एग्जिट पोल के आते ही ‘बागियों’ को वापस लौटने का ऑफर मिलने लगा है। उन्हें भरोसा दिलाया जा रहा है कि अगर जीते तो सारी गलतियां माफ कर देंगे। एग्जिट पोल में ‘अन्य’ को 5-6 सीटें मिलती दिख रही हैं।

पांच-छह सीट का अंतर, दोनों दलों के लिए बना परेशानी

हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा, दोनों दलों को बागियों की समस्या का सामना करना पड़ा था। अगर भाजपा के बागियों की संख्या देखें, तो वह बीस से ज्यादा हो गई थी। आधा दर्जन से अधिक सीटों पर बागियों ने कांग्रेस की मुसीबत बढ़ा दी थी। हालांकि दोनों पार्टियों ने अपने-अपने बागी उम्मीदवारों को मनाने का भरसक प्रयास किया था। यहां तक कि केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से बागी उम्मीदवारों को मनाने की कोशिश की गई। एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल में कांग्रेस पार्टी को 44 फीसदी वोट, जबकि भाजपा को 42 फीसदी वोट मिलने की बात कही है। दूसरे एग्जिट पोल में भाजपा को आगे दिखाया गया है। हालांकि पोल ऑफ पोल्स यानी सभी एग्जिट पोल के नतीजों का औसत देंखे, तो उसमें दोनों पार्टियों की सीटों के बीच पांच-छह सीट का अंतर दिखाई देता है। ऐसे में दोनों पार्टियां ‘अन्य’ यानी निर्दलीय उम्मीदवारों की तरफ देखने लगी हैं।

दमदार बागियों को दिला रहे अतीत की याद

चूंकि बागी उम्मीदवार, कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों से रहे हैं, इसलिए इन पार्टियों ने अब अपने-अपने बागियों से संपर्क करना शुरू कर दिया है। कांग्रेस पार्टी के एक स्थानीय नेता ने इस बात की पुष्टि की है। उनका कहना था, चूंकि एक ही एग्जिट पोल में कांग्रेस पार्टी को स्पष्ट बहुमत में दिखाया गया है, ऐसे में उन्हें सजग रहना होगा। निर्दलीय प्रत्याशियों से संपर्क किया जा रहा है। भाजपा की ओर से भी ऐसे ही प्रयास शुरू किए गए हैं। जिन बागी उम्मीदवारों की जीत की संभावना ज्यादा है, उनसे कहा गया कि वे जीतने के बाद अपनी पार्टी में लौट सकते हैं। उनकी सारी गलतियां माफ कर देंगे। दमदार बागियों को उनका पुराना अतीत याद दिलाया जा रहा है। जिस पार्टी के लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन लगाया है, वे अब दूसरी पार्टी में कैसे जा सकते हैं। खास बात ये है कि कांग्रेस और भाजपा, केवल अपने ही बागियों से संपर्क नहीं कर रही है, बल्कि एक-दूसरे के बागियों से भी बातचीत कर रही है। उन्हें कई तरह का ऑफर दिया है।

सत्ता की चाबी कहीं बागियों के हाथ न चली जाए

हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस और भाजपा जैसे बड़े दलों को इसलिए बागियों से संपर्क करना पड़ रहा है, क्योंकि एग्जिट पोल में उन्हें पांच-छह सीटें मिलती हुई दिख रही हैं। एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल में ‘अन्य’ को 4 से 8 सीटें मिलने की संभावना जताई है। टीवी 9 नेटवर्क ने ‘अन्य’ को चार सीट व जी न्यूज/बार्क ने एक से पांच सीटें मिलने की बात कही है। इसके अलावा न्यूज-24/टुडेज चाणक्या ने ‘अन्य’ के खाते में दो सीटें दिखाई हैं। इन नतीजों ने कांग्रेस और भाजपा को परेशान कर दिया है। आठ दिसंबर को चुनाव के नतीजे आने हैं। उससे पहले ही दोनों पार्टियां, बागी उम्मीदवारों से संपर्क साधने लगी हैं। उन्हें लगता है कि हिमाचल प्रदेश में कहीं बागी उम्मीदवारों के हाथ में सत्ता की चाबी न चली जाए। दर्जनभर सीटें ऐसी हैं, जहां पर हार-जीत का फैसला बेहद कम वोटों से होता है।