पेंड्रा – आज हम छत्तीसगढ़ के उस जिले की बात करने जा रहे हैं, जहां स्कूल पढने जाने वाली छात्राओं के सम्मान और सुरक्षा के लिए उनके चौराहे से गुजरते वक्त आसपास के ट्रैफिक को ही रोक दिया जाता है। छात्राओं को बगैर जोखिम के मुख्य चौराहों को पार कराया जाता है। छात्राएं भी ऐसा सम्मान और भावनात्मक पहल पाकर काफी गदगद नजर आती हैं और ट्रैफिक पुलिस को धन्यवाद देना नहीं भूलती हैं।
छात्रों के लिए रोक दिया जाता है ट्रैफिक
जिला पुलिस और ट्रैफिक विभाग ने गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में पिछले कुछ दिनों से ऐसी पहल की है कि जिले के सबसे व्यस्ततम चौक चौराहों में उस वक्त वहां से गुजरने वाले वाहनों को रोक दिया जाता है। जबकि शहर के भीतर स्थित स्कूलों में छात्राएं पढ़ने के लिए स्कूल आया जाया करती हैं।
पेंड्रा शहर का दुर्गा चौक इस जिले का सबसे व्यस्ततम चौराहा है और शहर की सीमा में करीब एक दर्जन निजी और सरकारी स्कूल हैं। सबसे ज्यादा छात्राओं की संख्या कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल का है।
जब इस स्कूल की छुटटी होती है तो करीब आठ सौ छात्रांए चौक से चारों दिषाओं के लिए रवाना होती है और ऐसे ही सुबह नजारा स्कूल लगने के वक्त होता है। नए जिले में यातायात पुलिस की स्थापना हुई तो चौक में पदस्थ पुलिस वालों ने एक अभिनव पहल की जिसमें पुलिस उच्चाधिकारियों के मार्गदर्शन में स्कूल लगने और छुटटी के वक्त यहां से गुजरने वाली छात्राओं को पहले रास्ता पार कराया जाता है।
यहां तक कि चारों दिशाओं से आने वाले भारी और चार पहिया वाहनों को रोक दिया जाता है। ट्रेफिक पुलिस बकायदा रोड में खड़े होकर छात्राओं को आने जाने के लिए रास्ता क्लीयर कराती है और छात्राएं सुरक्षित तरीके से चौक पार करके आना जाना करती हैं।
शरह के सभी व्यस्त चौराहों पर छात्रों के लिए रोका जाता है ट्रैफिक
इतना ही नहीं जब एक दो छात्राएं आगे पीछे समय में भी गुजरती है तो ट्रैफिक जवान उनके साथ चलकर चौराहा पार कराते हैं ताकि छात्राओं के साथ कोई छेड़खानी और दुर्घटना भी नहीं हो। जिले की पुलिस का यह सौम्य स्वभाव देखकर यहां से गुजरने वाले राहगीर थोड़ा चौंकते जरूर हैं और उन्हें परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है, पर पुलिस का छात्राओं के प्रति सम्मान और सुरक्षा की ये भावना सभी को पसंद आ रही है।
जिले के दुर्गा चौक के अलावा गौरेला का अमरकंटक चौक, संजय चौक मरवाही का बरैहां चौक और कोटमी का सकोला तिराहा सबसे व्यस्ततम चौक माना जाता है और ट्रैफिक पुलिस के साथ ही साथ पुलिस केा भी यही भावना से काम करने की नसीहत दी गयी है। यही कारण है कि जिले में छात्र दुर्घटना के मामलों में भी कमी आई है।