रायपुर – छत्तीसगढ़ में कोल और परिवहन घोटाले में गिरफ्तार निलंबित आईएएस समीर विश्नोई (IAS Sameer Vishnoi) और 3 कारोबारियों को कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। मुख्य आरोपी सूर्यकांत तिवारी समेत 4 आरोपितों को 11 नवंबर को रायपुर के स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। इस मामले में बचाव पक्ष ने जमानत की अर्जी लगाई थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। ईडी की डिमांड पर कोर्ट ने 4 की ज्यूडिशियल रिमांड 12 दिनों के लिए बढ़ा दी।
भेजे गए जेल
निलंबित आईएएस समीर विश्नोई और 3 कारोबारी की मुश्किलें बढ़ गईं। लंबी दलील के बाद रायपुर कोर्ट ने ने फिर 12 दिन की ज्यूडिशियल रिमांड बढ़ाई है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 23 नवंबर को होगी। कोर्ट के फैसले के बाद समीर विश्नोई, कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल, लक्ष्मीकांत तिवारी और सूर्यकांत तिवारी को जेल भेजा गया है। वहीं, बचाव पक्ष के वकील फैजल रिजवी ने कहा कि हमने कर्नाटक कोर्ट के स्टे के बाद जमानत की मांग की थी लेकिन कोर्ट ने मामले को खारिज करते हुए 12 दिन के रिमांड बढ़ा दी है।
गुरुवार को एक दिन के लिए बढ़ाई गई थी रिमांड
इससे पहले 4 आरोपितों को कोर्ट में पेश किया गया था। रिमांड खत्म होने के बाद गुरुवार को ईडी ने निलंबित समीर विश्नोई और 3 कारोबारियों की ज्यूडिशियल रिमांड 1 दिन के लिए बढ़ाई थी। इस मामले में शुक्रवार को फिर से सुनवाई हुई। बता दें कि ईडी ने कोर्ट से जवाब देने के लिए एक दिन का समय मांगा था।
बड़े लोग फंसा रहे हैं
ED गिरफ्तारी को लेकर सूर्यकांत तिवारी ने कोर्ट पहुंचने पर कहा कि यह सब कुछ षड्यंत्र पूर्वक किया गया है। कुछ बड़े लोगों ने उन्हें फंसाया है। उन्होंने कहा कि मेरे ऊपर जो भी आरोप लगे हैं सभी बेबुनियाद हैं। आने वाले समय में पूरे मामले का खुलासा हो जाएगा