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कुएं से आ रही थी फुंफकारने की आवाज, अंदर देखा तो था 11 फीट का किंग कोबरा

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कोरबा – जिले में एक किंग कोबरा कुएं में गिर गया। उसके फुंफकारने की आवाज आई तो आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे। इसके बाद वन विभाग को सूचना दी गई। थोड़ी ही देर में रेस्क्यू टीम के सदस्य भी पहुंच गए। उन्होंने कड़ी मशक्कत के बाद कुएं से किंग कोबरा को बाहर निकाला तो हैरान रह गए। वह करीब 11 फीट लंबा था। इसके बाद उसे पकड़कर जंगल में छोड़ा गया। यह मामला बालको के बेला गांव का है। यहां कुछ ग्रामीण जंगल की ओर मवेशी चराने के लिए गए थे। इसी दौरान वहां स्थित पुराने कुएं से फुंफकारने की आवाज सुनाई दी। ग्रामीणों ने देखा तो कुएं में एक बड़ा सा सांप पड़ा हुआ था। इस पर उन्होंने वन विभाग को इसकी सूचना दी। थोड़ी देर में वन अधिकारियों के साथ स्नेक रेस्क्यू टीम के सदस्य जितेंद्र सारथी और अविनाश यादव भी पहुंच गए।

इसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। लंबे समय से कुएं के पानी में पड़े रहने के कारण किंग कोबरा सुस्त पड़ गया था। हालांकि जैसे ही बांस की मदद से उसे बाहर निकालने की कोशिश शुरू की गई, उसने फिर से फुंफकारना शुरू कर दिया। पानी में ही वह फन फैलाए खड़ा होने लगा। इस पर कुएं के पास लगी लोगों की भीड़ को वहां से दूर हटाया गया। काफी कोशिश के बाद कोबरा को टीम ने बाहर निकाला।

थोड़े समय के लिए कोबरा को धूप में रखा गया। इसके बाद टीम ने उसे एक बैग में बंद किया और उप वन मंडल अधिकारी की मौजूदगी में सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया। जितेंद्र सारथी ने बताया छत्तीसगढ़ का कोरबा एक मात्र जिला हैं जहां किंग कोबरा बड़ी संख्या में दिख रहे हैं। इसके संरक्षण के लिए कुछ माह पहले नोवा नेचर वेल्फेयर सोसाइटी के सर्वे के उपरांत डीपीआर तैयार कर के वन विभाग को सौंपा गया है।

स्नेक रेस्क्यू टीम और आरसीआरएस साथ आए
लंबे समय से जिले में दो बड़ी टीमें स्नेक रेस्क्यू और आरसीआरएस वन्य जीवों के संरक्षण में काम कर रही हैं। इनके बीच में मतभेद चलता आ रहा था। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में दोनों टीमें पहली बार साथ आईं। इन दोनों बड़ी टीमों के एक साथ होने से जिले में रेस्क्यू कार्य और तेजी से होने की संभावना है। साथ ही वन्य जीवों के संरक्षण में तेजी आएगी।au से साभार