हजारों की संख्या में हसदेव घाट पर दीपक प्रज्वलित किए गए और फिर महा आरती हुई। लोगों ने बताया कि यह आयोजन अपने आप में अविस्मरणीय और अद्भुत रहा है जो उन्हें लंबे समय तक याद रहेगा। वे हिंदू संस्कृति के प्रति एकजुटता दिखाते रहेंगे।
कोरबा – छत्तीसगढ़ के कोरबा में पहली बार सनातन परंपरा का विराट स्वरूप दिखाई दिया। हसदेव नदी का तट हजारों दियों से रोशन हो उठा। इन दियों की छटा ऐसी निखरी की हर कोई अपलक निहारता रह गया। हजारों की संख्या में पहुंचे लोग शंखनाद के साथ हुई महाआरती के साक्षी बने। मौका था हिंदू क्रांति सेना की ओर से देव दीपावली उत्सव का। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर पहली बार भव्य और दिव्य आयोजन किया गया। हसदेव नदी घाट पर सजावट कुछ इस अंदाज में की गई मानो बनारस हरिद्वार और ऋषिकेश के घाट यहां पर उतर आए हों। हर कोई इन सजावट को देखता रहा गया। आयोजन का स्वरूप कुछ इस तरह का था, जिसने स्थानीय और क्षेत्रीय लोगों को अपनी तरफ आकर्षित किया।भारी-भरकम साज-सज्जा ने पहली बार यहां के पूरे स्वरूप को अलौकिक बना दिया। कार्यक्रम की शुरुआत से कई घंटे पहले ही लोगों ने यहां पहुंचने लगे थे। पुरोहितों ने शंखनाद किया, तो दूध से अभिषेक भी किया गया। हसदेव नदी को लाल चुनरी अर्पित की गई। काफी देर तक लोगों ने भक्ति संगीत और आतिशबाजी का आनंद लिया।
इसके बाद हजारों की संख्या में हसदेव घाट पर दीपक प्रज्वलित किए गए और फिर महा आरती हुई। लोगों ने बताया कि यह आयोजन अपने आप में अविस्मरणीय और अद्भुत रहा है जो उन्हें लंबे समय तक याद रहेगा। हिंदू क्रांति सेना के जिला अध्यक्ष राहुल चौधरी के नेतृत्व में हुए इस आयोजन में कहा कि वे हिंदू संस्कृति के प्रति एकजुटता दिखाते रहेंगे।अमर उजाला से