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भाजपा का आरोप:चंदूलाल मेडिकल कॉलेज अधिग्रहण पर भाजपा ने उठाए सवाल, 5 साल से जीरो ईयर कॉलेज का अधिग्रहण भ्रष्टाचार है

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रायपुर – भाजपा ने चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज के लगातार पांचवें साल जीरो ईयर घोषित होने और अधिग्रहण के लिए दुगुनी राशि देने को भ्रष्टाचार बताया है। एकात्म परिसर में शनिवार को प्रदेश प्रवक्ता देवलाल ठाकुर, दीपक म्हस्के, संदीप शर्मा, केदारनाथ गुप्ता और मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने पत्रकारवार्ता में अधिग्रहण विधेयक को लेकर सरकार पर विधानसभा में गलत जानकारी देने का आरोप लगाया। ठाकुर ने कहा ठाकुर ने कहा, वास्तविकता यह है कि 4 साल से यह कालेज जीरो ईयर घोषित है और आज फिर यह जीरो ईयर घोषित हो गया है।

कॉलेज की मान्यता मेडिकल काउंसिल ने 2017 में अमान्य कर दिया था। अधिग्रहण के समय भी कालेज की मान्यता नहीं थी। ठाकुर ने कहा, चंदूलाल कॉलेज के मूल्यांकित राशि 139 करोड़ से दुगुनी राशि 278 करोड़ रुपए दी गई। कॉलेज के संचालकों को लाभ देने के लिए सरकार ने जल्दबाजी में अधिग्रहण कर लिया। मूल्यांकन में प्रबंधन की देनदारियों 245 करोड़ थी पर सारी जानकारी एमसीआई से छुपाई गई।

राज्य सरकार अधिग्रहण के बाद भी तय समय पर कॉलेज का निरीक्षण नहीं करा सकी, जिसके कारण इस साल भी चंदूलाल मेडिकल कॉलेज को मान्यता नहीं मिल सकी। इस साल भी कॉलेज पढ़ाई के लिए मान्य नहीं है। इस साल भी कॉलेज पढ़ाई के लिए मान्य नहीं है जबकि मुख्यमंत्री प्रचारित करते रहे कि कालेज को पढ़ाई के लिए अनुमति मिल गया है। ठाकुर ने कहा, वास्तविकता यह है कि 4 साल से यह कालेज जीरो ईयर घोषित है और आज फिर यह जीरो ईयर घोषित हो गया है। पत्रकारवार्ता में भाजपा मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी, प्रदेश प्रवक्ता संदीप शर्मा, केदारनाथ गुप्ता, दीपक म्हस्के भी मौजूद रहे।

कालेज अधिग्रहण पर झूठ बोल रही है भाजपा: कांग्रेस
प्रदेश कांग्रेस चिकित्सा प्रकोष्ठ अध्यक्ष डॉ राकेश गुप्ता ने कहा कि भाजपा चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज अधिग्रहण के विषय पर झूठ की राजनीति कर रही है। रमन सरकार के द्वारा चंदूलाल मेडिकल कॉलेज खोलने के वक्त केंद्र सरकार को दी गई लेटर ऑफ एसेंशियल के कारण राज्य सरकार ने इसका अधिग्रहण किया है। सरकार ने कॉलेज में पढ़ने वाले 450 बच्चों की भविष्य संवारने के लिए यह कदम उठाया है। अधिग्रहण के तय मापदंडों का पूरा पालन किया गया है।

गुप्ता ने कहा कि अधिग्रहण के लिए कलेक्टर की अनुशंसा पर कई विभाग उस मेडिकल कॉलेज की संपत्तियों का मूल्यांकन कर रही हैं और मूल्यांकन होने के बाद जो तय राशि होगी वह मेडिकल कालेज को भुगतान किया जाएगा। मेडिकल कॉलेज के संचालक मंडल पर जो कर्ज है, उस कर्ज का भुगतान संचालक मंडल करेगा राज्य सरकार सिर्फ संपत्तियों के अधिग्रहण की राशि का भुगतान करेगा।