बिलासपुर – छत्तीसगढ़ में शवों का पोस्टमार्टम सूर्योदय से सूर्यास्त यानी दिन में ही हो रहा था, लेकिन अब यह चौबीसों घंटे यानी रात में भी किया जा सकेगा। शासन ने प्रदेश के सरकारी अस्पतालों, मेडिकल कॉलेज अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में को निर्देश जारी किया है कि दिन ढलने के बाद से लेकर सूर्योदय तक यानी दिन के साथ-साथ रात में भी पोस्टमार्टम करना होगा। यह व्यवस्था इसलिए लागू की गई है क्योंकि चीरघरों में जो शव दोपहर के बाद पहुंचते थे, उनका पोस्टमार्टम अगले दिन ही हो पाता था।
ऐसे में परिजन को बॉडी के लिए 20 घंटे तक इंतजार करना पड़ जाता था। शासन ने राज्य के 6 मेडिकल कॉलेज, 28 जिला अस्पताल और 168 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चौबीसों घंटे पोस्टमार्टम का निर्देश दिए हैं।
इसके मुताबिक सभी डीन, सिविल सर्जन तथा संबंधित मेडिकल अफसरों को व्यवस्था बनाने के लिए कह दिया है। इस निर्देश के आधार पर कई जिलों और मेडिकल कालेजों में शवों के पोस्टमार्टम के लिए डाक्टरों की रात में ड्यूटी लगाने का सिलसिला भी शुरू हो गया। जानकारों के मुताबिक रात में पोस्टमार्टम की व्यवस्था इसलिए नहीं बन पा रही थी कि कई बार विशेषज्ञ नहीं रहते, तो कई अस्पतालों में शाम के बाद डाक्टर और स्टाफ पीएम के लिए राजी नहीं होता। अफसरों का मानना है कि नई व्यवस्था में डाक्टरों-स्टाफ की कमी से रुकावट नहीं आएगी।
इसलिए लिया गया फैसला
शासन के पास कई जिलों से इस बात की जानकारी जा रही थी कि सड़क या अन्य गंभीर हादसे में तुरंत पोस्टमार्टम जरूरी होता है, लेकिन शाम से अगले दिन सुबह तक शव पीएम के लिए रोक दिए जाते हैं। कई संवेदनशील मामलों में भी शव सुबह तक रोके जाने की सूचना शासन के पास पहुंच रही थी। इस वजह से यह फैसला लिया गया।
रात में पीएम व्यवस्था लागू
छत्तीसगढ़ के सभी जिला अस्पताल सहित अन्य सरकारी चिकित्सा संस्थान जहां पोस्टमार्टम की सुविधा उपलब्ध है, वहां रात में भी पोस्टमार्टम किया जाएगा। अब कुछ विशेष प्रकरणों को छोड़कर रात में पोस्टमार्टम की व्यवस्था लागू कर दी गई है।
-डाॅ. अनिल गुप्ता, सिविल सर्जन-बिलासपुर