छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कांग्रेस पार्षद के भतीजे की हत्या कर दी गई। आरोपियों ने हत्या के बाद शव को दफना दिया। करीब 33 दिन बाद शुक्रवार शाम इस हत्याकांड का खुलासा हो सका। युवक 25 सितंबर से लापता था। इसके बाद क्षेत्र में तनाव का माहौल है। लोगों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए थाने का घेराव भी किया। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
23 सितंबर से लापता था युवक
जानकारी के मुताबिक, बीरगांव नगर निगम में MIC मेंबर और पार्षद इकराम अहमद का भतीजा वाहजुद्दीन उर्फ बाबू (23) वाहजुद्दीन 23 सितंबर को घर से निकला था। इसके बाद से उसका कुछ पता नहीं चल रहा था। इसके बाद बाबू के परिजनों ने 2 अक्तूबर को उसकी गुमशुदगी उरला थाने में दर्ज करा दी। इसके बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इस पर बाबू के चाचा और पार्षद इकराम खुद SSP से मिलने के लिए पहुंचे।
WRS कॉलोनी के पास जंगल में दफनाया था शव
SSP ने मामले की जांच क्राइम यूनिट को सौंप दी। क्राइम यूनिट ने 24 घंटे में हत्याकांड का खुलासा कर दो आरोपियों फिरोज और विश्वनाथ को पकड़ा। दोनों ने पूछताछ में बाबू की हत्या करना और फिर WRS कॉलोनी के पास जंगल में दफनाने की बात स्वीकार की। उनकी निशानदेही पर पुलिस ने 33 दिन बाद बाबू का शव बरामद किया। पूछताछ में यह भी सामने आया कि गांजा तस्करी के आरोपी करीम के कहने पर हत्या की गई।
प्रेम संबंध में हत्या का आरोप
पुलिस का कहना है कि बाबू का करीम की बेटी से प्रेम संबंध था। इसे लेकर करीम कई बार बाबू को उससे दूर रहने के लिए कह चुका था, लेकिन वह नहीं मान रहा था। इस पर करीम ने फिरोज और विश्वनाथ की मदद से बाबू की हत्या कर दी। वे बाबू को अपने साथ पटरियों के पास लेकर गए थे। वहां शराब पिलाई और फिर चाकू मार दिया। इसके बाद शव को दफना दिया। फिलहाल पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।