रायगढ़ – रायगढ़ जिले में बजरंगबली को नोटिस देने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। गुरुवार को स्थानीय बीजेपी नेताओं ने नगर निगम आयुक्त संबित मिश्रा के चैंबर के बाहर रांची और आगरा का ट्रेन टिकट चस्पा करते हुए कहा कि अधिकारी मानसिक रोगी हैं, इसलिए उन्हें इलाज कराने के लिए हमने टिकट दिया है। इधर टिकट भी चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि उस पर प्लेटफॉर्म टिकट लिखा हुआ है, जिसके लिए 3 रुपए चुकाए गए हैं।
गुरुवार को बीजेपी ने नगर निगम कार्यालय का घेराव कर दिया। उन्होंने निगम ऑफिस के अंदर भी जमकर हंगामा मचाया। बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कहा कि नगर निगम के अधिकारी रांची या आगरा के पागलखाने में जाकर अपना इलाज कराएं। भाजपाईयों ने रायगढ़ नगर निगम के अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। बीजेपी के विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए निगम आयुक्त संबित मिश्रा अपने चैंबर में ही बैठे रहे। काफी देर तक भाजपाई आयुक्त से मिलने के लिए उनके चैंबर के बाहर बैठे रहे।
कार्यकर्ताओं ने निगमायुक्त के चैंबर के अंदर जाने की भी कोशिश की, लेकिन गार्ड ने उन्हें रोक दिया। बढ़ते विवाद को देखते हुए निगम के उपायुक्त सुतीक्षण यादव प्रदर्शनकारियों के पास पहुंचे, लेकिन भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनसे मिलने के लिए मना कर दिया। वे आयुक्त से मिलने की जिद पर ही अड़े रहे। लेकिन जब काफी देर तक भी निगम आयुक्त संबित मिश्रा रूम से बाहर नहीं निकले, तो प्रदर्शनकारियों ने उनके चैंबर के बाहर ही रांची और आगरा के रेलवे टिकट को चस्पा कर दिया।
28 को नगर निगम की शवयात्रा निकालने की चेतावनी
भगवान हनुमान को नोटिस भेजने के विरोध में भाजपा 28 अक्टूबर को नगर निगम की शवयात्रा निकालने की भी चेतावनी दी है। दरअसल रायगढ़ में नगर निगम ने हनुमान जी के नाम पर वॉटर टैक्स की वसूली के लिए नोटिस जारी कर दिया।
नोटिस में उनके नाम के आगे श्रीमती लगाते हुए बजरंग बली के नाम पर 400 रुपए वॉटर टैक्स चुकता करने का नोटिस आया। इसे लेकर बीजेपी ने निगम पर हिंदू देवी-देवताओं के अपमान का आरोप लगाया है। यह मामला वार्ड क्रमांक-18 के टिकरापारा का है।
टिकट बना चर्चा का केंद्र
इधर भाजपाई जिस टिकट को हाथ में लेकर हंगामा कर रहे थे, वो रांची या आगरा की नहीं, बल्कि प्लेटफॉर्म टिकट थी, जिसे लेकर बीजेपी खुद मजाक का पात्र बनती नजर आ रही है। हालांकि बीजेपी भगवान को नोटिस भेजने के मामले में मुखर होकर विरोध-प्रदर्शन कर रही है।
इस मामले में रायगढ़ निगम आयुक्त संबित मिश्रा ने सफाई देते हुए कहा था कि नोटिस मंदिर के नाम से भेजी गई थी। अब बजरंगबली के नाम पर हुई गलती का मामला सामने आने के बाद नोटिस में संशोधन किया जा रहा है। उन्होंने नया नोटिस भेजने की बात कही थी।
इससे पहले तहसीलदार ने भगवान शंकर को दिया था नोटिस
इसी साल मार्च के महीने में भी नायब तहसीलदार विक्रांत राठौर ने मंदिर के पुजारी या प्रबंधन के बजाय सीधे मंदिर को ही नोटिस भेज दिया था। इस मामले में भगवान शिव को कोर्ट में भी पेश होना पड़ा था। अधिकारी ने भगवान को आरोपी बनाकर कोर्ट में पेश होने का नोटिस जारी किया था, और नहीं पेश होने पर 10 हजार रुपए जुर्माना लगाने की बात कही थी। दरअसल रायगढ़ में अवैध कब्जे और निर्माण को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। इसी मामले में रायगढ़ तहसील कोर्ट ने सीमांकन दल गठित कर कौहाकुंडा गांव में जांच कराई थी।