रायपुर – छत्तीसगढ़ में शराबबंदी से इंकार वाले बयान पर सियासी भूचाल मच गया है।चुनाव से पहले घोषणापत्र में शामिल शराबबंदी का मुद्दा अब धीरे-धीरे सियासी रंग लेता जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव के छत्तीसगढ़ में शराबबंदी मुुश्किल है वाले बयान पर भाजपा के मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है।
स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पूर्ण शराबबंदी कठिन है यह सही है कि घोषणापत्र में इसे प्रबल स्थान मिला था और कई लोगों ने इसे सराहा भी था। कई लोग ऐसे भी थे जो शराबबंदी के पक्ष में नही भी थे।
मंत्री सिंहदेव ने आगे कहा कि कई लोगों ने उनसे कहा भी था कि बाबा अगर आप शराबबंदी लाओगे तो हमारा वोट नही मिलेगा ऐसी भी परिस्थिति थी।मेरे साथ के लोग है जिनको शौक है वो सामान्य रूप से इसका सेवन करते हैं ये भी परिस्थिति थी।फिर भी बातों को देखके समझ के यह निर्णय हुआ की हम शराबबंदी उन 61 विकासखंडों में करेंगे जहां ट्राइबल आबादी में जो शेड्यूल नही है शेड्यूल आबादी में तो ब्लॉक्स में खुला ही था। यहां आज के दिन मुझे लगता है बहुत कठिन होगा इसको लागू करना।
स्वास्थ्य मंत्री के इस बयान के बाद भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार के मंत्री का बयान आया है की शराबबंदी करना कठिन है, आज 4 साल के बाद अगर यह कठिन लग रही है तो घोषणापत्र में पूर्ण शराबबंदी का वादा क्यों किया।अब कांग्रेस के नेताओं को माननीय मुख्यमंत्री को जनता से हाथ जोड़कर माफी मांगनी चाहिए और कहना चाहिए कि हमने झूठा घोषणापत्र जारी किया, हमें वादे पूरे नही करने थे हमने चुनाव जीतने के लिए ये काम किया उसके बाद जनता तय करेगी कि क्या करना है। वहीं 11 नवंबर को भाजपा महिला मोर्चा द्वारा बिलासपुर में इस मुद्दे पर बड़ा प्रदर्शन करने की तैयारी में लगी है।