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छत्तीसगढ़ – बजंरग बली पर 400 रुपए पानी का बकाया, निगम ने भेजा नोटिस; शिव जी को भी अवैध कब्जे का भेज चुके पत्र

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नगर निगम के सभापति जयंत ठेठवार का कहना है कि पहले ठेका एजेंसी ने कनेक्शन देने का काम किया था। नगर निगम ने हाल ही में इसे टेक ओवर किया है। ऐसे बिल जनरेट करते समय तकनीकी त्रुटि हुई है। जिसकी जांच कर सुधार किया जाएगा।

रायगढ़ – छत्तीसगढ़ के रायगढ़ नगर निगम ने हनुमान जी को वॉटर टैक्स बकाए का नोटिस भेजा है। इस नोटिस में हनुमान जी पर 400 रुपए बकाया बताते हुए टैक्स जमा करने को कहा गया है। खास बात यह है कि हनुमान जी को जो नोटिस भेजा गया है, उसमें श्रीमति बजरंग बली लिखा गया है। फिलहाल मामला सामने आने के बाद नगर निगम भाजपा के निशाने पर आ गया है। BJP ने निगम पर हिंदू देवी-देवताओं के अपमान का आरोप लगाया है। दूसरी ओर निगम जांच की बात कह रहा है। इससे पहले रायगढ़ में राजस्व विभाग भी भगवान शिव को अवैध कब्जे का नोटिस भेज चुका है।

मंदिर प्रबंधन की जगह हनुमान जी को बनाया हितग्राही
दरअसल, रायगढ़ नगर निगम की ओर से सभी वार्डों में अमृत मिशन के तहत नल कनेक्शन दिए गए हैं। उपभोक्ताओं के घरों में वॉटर मीटर लगाए जाने के बाद अब बिल वसूली के लिए नोटिस भेजा जा रहा है। इसी हड़बड़ी में निगम के कर्मचारियों ने बुधवार को वार्ड-18 के गुजराती पारा स्थित हनुमान मंदिर को पानी का बिल जमा करने का नोटिस भेज दिया। मंदिर प्रबंधन के नाम से भेजने की जगह बजरंग बली को ही हितग्राही बना दिया और उनके नाम के आगे श्रीमति लिखा। जबकि आत्मज में टेंपल लिख दिया।
भाजपा बोली-ये आस्था पर चोट
मामला उजागर होने के बाद नोटिस सियासी हो गया है। भाजपा पार्षद और नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष पूनम सोलंकी के वार्ड में ही बजरंग बली का मंदिर है। भाजपा अब इसका विरोध कर रही है। पूनम सोलंकी का कहना है कि पहले भी तहसील कोर्ट से भगवान शिव को बेदखली का नोटिस जारी किया गया था। बाद में जिला प्रशासन ने लिपिकीय त्रुटि बताते हुए खेद जताया था। अब नगर निगम ने भगवान का नोटिस जारी कर हिंदुओं की आस्था पर चोट पहुंचाई है। भाजपा इसे बर्दाश्त नहीं करेगी।
सात माह पहले शिव जी को भेजा था कोर्ट में हाजिरी का नोटिस
करीब सात माह पहले इसी साल मार्च में नायब तहसीलदार ने शिव मंदिर को अवैध कब्जे का नोटिस भेज दिया था। साथ ही उन्हें कोर्ट में पेश होने के लिए भी कहा था। पेश नहीं होने पर 10 हजार रुपए जुर्माने की बात कही थी। इस पर स्थानीय लोग शिवलिंग को ही मंदिर से उखाड़ लिया और ट्रॉली पर उसे रखकर कोर्ट पहुंच गए थे। हलांकि फिर भी कोर्ट ने उन्हें नई तारीख दे दी। बाद में तहसीलदार ने इसे गलती मानते हुए माफी मांगी थी। दरअसल, कोर्ट की ओर से 10 लोगों को नोटिस दिया गया था, इसमें कोहाकुंडा के वार्ड 25 में बना शिव मंदिर भी शामिल था।