रायपुर – भाजपा प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप ने रायगढ़ के घरघोड़ा में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के तहत कबड्डी के दौरान युवा खिलाड़ी की मौत के बाद अब कोंडागांव में आदिवासी युवती की मृत्यु पर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस सरकार छत्तीसगढ़िया ओलंपिक करा रही है या छत्तीसगढ़ के युवाओं की मौत को दावत दे रही है ?
केदार कश्यप ने कहा कि सरकार की लापरवाही और घोर अव्यवस्था के कारण युवा खिलाड़ियों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है. कोडागांव के माझी बोर्ड स्थान में छत्तीसगढ़ ओलंपिक का आयोजन किया जा रहा था. वहां कबड्डी प्रतियोगिता के दौरान शांति मंडावी बेहोश हो गई. उसके परिजन निजी वाहन से उसे कोडागांव अस्पताल लेकर गए. वहां से रायपुर रेफर किया गया. खबर है कि सरकारी एंबुलेंस 108 खराब बताकर अपनी व्यवस्था करने कहा गया. निजी व्यवस्था कर शांति मंडावी के पति उमेश मंडावी और परिजन उसे लेकर रायपुर आए, जहां निजी अस्पताल में रात 11 बजे उसकी मृत्यु हो गई. कोडागांव या रायपुर के किसी भी शासकीय अधिकारी ने उस आदिवासी परिवार से संपर्क भी नहीं किया. ना ही किसी प्रकार की सुविधा उपलब्ध कराई. जब सरकार खिलाड़ियों को स्वास्थ्य सुरक्षा नहीं दे सकती तो इस तरह की राजनीतिक पैंतरेबाजी सरकार क्यों दिखा रही है?
केदार कश्यप ने कहा कि यूपी चुनाव के दौरान कांग्रेस महासचिव को खुश करने 50-50 लाख की न्यौछावर करने वाले के पास उनकी अपनी राजनीति के शिकार छत्तीसगढ़ के युवाओं की मौत पर पर्याप्त मुआवजा देने के लिए पैसा नहीं है. घरघोड़ा रायगढ़ की खराब सड़क पर दम तोड़ने वाले युवा खिलाड़ी के परिवार को सिर्फ 4 लाख का मुआवजा देने वाले भूपेश बघेल को युवा पीढ़ी की बलि चढ़ाने का कोई अधिकार नहीं है. पीड़ित परिवारों को 50-50 लाख का मुआवजा दिया जाए. खिलाड़ियों का बीमा कराया जाए और बेहतर सुरक्षा इंतजाम, स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराएं. छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेलों का स्वागत है. लेकिन सरकार जो जानलेवा तमाशा कर रही है, वह नहीं करने देंगे. भूपेश बघेल के राजनीतिक ड्रामे में जान गंवाने वाले हर एक युवा की मौत का जवाब कांग्रेस की सरकार को देना होगा.