दंतेवाड़ा – बाघ के खाल की तस्करी के आरोप में वन और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम ने 15 आरोपितों को खाल के साथ दंतेश्वरी मंदिर के पास से पिछले वर्ष मार्च में गिरफ्तार किया था, जिसमें बीजापुर जिले के दो एएसआई समेत पांच पुलिस कर्मी शामिल थे। गिरफ्तार कर्मियों में सहायक उप निरीक्षक संतोष बघेल, सहायक उप निरीक्षक रमेश अंगनपल्ली, आरक्षक बाबूलाल मज्जी, प्रधान आरक्षक अरुण मोडिय़ाम एवं सहायक आरक्षक पवन कुमार नेक्का को जिला बीजापुर एसपी अंजनेय वाष्णेय ने गुरुवार को बर्खास्त कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि इंद्रावती टायगर रिजर्व एरिया से लगे हुए इलाके एनएमडीसी के डिपाजिट 10 के पास इस बाघ का शिकार किया गया था। पाढ़ापुर निवासी बुधरू कुंजाम और भीमा इलामी ने जंगली सुअर फंसाने के लिए 10 अलग-अलग स्थानों पर कन्वेयर बेल्ट के तार से बना फंदा लगाया था। इस फंदे में सुअर की जगह मादा बाघ फंस गई। माना जा रहा है कि मादा बाघ टाइगर रिजर्व इलाके की ही थी, बाघ अपने शिकार के लिए 60 से 70 किमी के क्षेत्र में विचरण करते हैं। शाम के समय यह लोग जब फंदों की जांच करने पहुंचे, तो बाघ को देखकर इनके होश उड़ गए और यह वहां से भाग खड़े हुए। लगभग चार दिन बाद यह दोनों दोबारा इसी जगह पर पहुंचे, तो देखा कि मादा बाघ मर चुकी थी। इसके बाद दोनों ने बाघ की खाल उतारकर अपने साथ ले गए। इसके बाद बाघ के खाल के विक्रय से मोटी कमाई के लालच में बाकी आरोपित भी इनके साथ शामिल हो गये थे।