किसान न्याय योजना की तीसरी किस्त 17 अक्तूबर को: CM भूपेश ने की घोषणा, एक नवंबर से शुरू होगी धान खरीदी
रायपुर – मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना की तीसरी किस्त का भुगतान दिवाली से पहले कर दिया जाएगा। इसे 17 अक्तूबर को किसानों के खातों में ट्रांसफर करेंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से 2500 रुपए में धान खरीदी पर असहयोग के बाद भी हमारी सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से किसानों को उनकी उपज का अच्छा दाम दिया है। इसके बाद एक नवंबर से राज्य में धान खरीदी की भी शुरुआत हो जाएगी।
धान और गन्ने के लिए दे रहे हैं सब्सिडी
कवर्धा के पंडरिया में मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने पर सबसे पहले हमने किसानों का ऋण माफ किया और लगातार उनके हित में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार प्रति एकड़ धान के लिए 9000 रुपए और गन्ने के लिए 355 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब इनपुट सब्सिडी दे रही है। इससे पहले भेंट-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान माता चंडी मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की। इसके बाद रोड शो भी किया। ग्राम इंदौरी में मुख्यमंत्री को खुमरी पहनाकर और हल भेंट किया गया। 68 करोड़ से ज्यादा के विकास कार्यों का लोकार्पण-भूमिपूजन
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कवर्धा के पंडरिया में 68 करोड़ 87 लाख रुपए के 81 कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया।
- 4 करोड़ 30 लाख की लागत से ग्राम मुनमुना से कामठी मार्ग के आगर नदी पर पुल निर्माण
- जनपद पंचायत सहसपुर लोहारा के ग्राम पंचायत उड़ियाकला में 7 लाख 41 हजार रुपए से सीसी रोड
- 7 लाख की लागत से गोछिया में वीरांगना अंवतीबाई उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में आहता
- 5 लाख 20 हजार की लागत से ग्राम पंचायत मोहगांव में सीसी रोड निर्माण
- 5 लाख 20 हजार की लागत से ग्राम पंचायत भगवताटोला में सीसी रोड
- 5 लाख 20 हजार से ग्राम पंचायत जमुनिया में सीसी रोड
- गंडई में 132/33 केवी उपकेन्द्र का लोकार्पण
- धान खरीदी को लेकर सभी कलेक्टर को निर्देश जारी –मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने सभी संभाग आयुक्त और कलेक्टर के साथ धान खरीदी की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने सभी कलेक्टर को खरीदी की तैयारी निर्धारित समय में पूरा करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने फसलों की गिरदावरी का भी ग्राम सभा से कराने का निर्देश दिया। कहा कि सरकारी जमीन का पंजीयन धान रकबे में नहीं होना चाहिए। इसे विशेष रूप से सुनिश्चित किया जाए। किसानों के बैंक खाते सही तरीके से लिंक हों, इसका भी ध्यान रखें।