रायपुर – घरों और प्लाटों पर अनाधिकृत तरीके से बनाएं गये भाग के नियमितिकरण की सुविधा लोगों को अब आसानी से मिलने लगी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर नियमों के सरल होने के बाद गुरुवार को रायपुर शहर के 89 ऐसे अनाधिकृत निर्माण कार्य नियमित हुए है। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर भुरे की अध्यक्षता में आज नियमितिकरण प्राधिकार समिति की पहली बैठक में रायपुर नगर-निगम क्षेत्र के 91 प्रकरणों में अनाधिकृत निर्माणों को नियमित करने पर विचार किया गया, केवल दो प्रकरण पार्किंग की कमी के कारण रिजेक्ट कर दिए गए। समिति ने शेष 89 प्रकरणों में गहन विचार-विमर्श के बाद नियमितिकरण को मंजूरी दी। इनमें से 63 प्रकरण आवासीय और 26 प्रकरण गैर आवासीय अनाधिकृत निर्माण के है। इस बैठक में एस.एस.पी. प्रशांत अग्रवाल, नगर-निगम आयुक्त मयंक चतुर्वेदी सहित रायपुर नगर-निगम के सभी जोनों के जोन कमिश्नर भी शामिल हुए।
कलेक्ट्रोरेट सभाकक्ष में आज हुई बैठक में रायपुर नगर-निगम क्षेत्र में अनाधिकृत निर्माण कार्यों को नियमित करने पर जोनवार विचार किया गया। बैठक में छत्तीसगढ़ अनाधिकृत विकास के नियमितिकरण अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्रकरणों पर विचार करते हुए नियमितिकरण की मंजूरी दी गई। आज बैठक में नगर-निगम रायपुर के जोन एक में 04, जोन दो में 03, जोन तीन में 07, जोन चार में 01, जोन पांच में 02, जोन छह में 09, जोन सात में 01, जोन आठ में 11, जोन नौ में 23 तथा जोन दस में 02 आवासीय प्रकरणों में अनाधिकृत निर्माण को नियमित करने का अनुमोदन किया गया। इसी प्रकार जोन एक में 03, जोन दो में 05, जोन तीन में 05, जोन पांच में 04, जोन सात में 04, जोन नौ में 01 तथा जोन दस में 04 गैर आवासीय प्रकरणों में अनाधिकृत निर्माण के नियमितिकरण को मंजूरी मिली।
कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर भुरे ने जिले के सभी नगरीय क्षेत्रों के निवासियों से अपने घरों या दुकानों में अनाधिकृत निर्माण को नियमित कराने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि प्रशासन ने इसके नियमों को बहुत सरल कर दिया है। अब लोग आसानी से आवेदन देकर निर्धारित शुल्क जमाकर अपनी अनाधिकृत निर्माण को नियमित करा सकते है। उन्होंने यह भी बताया कि अब नये नियमों के तहत ही आवेदन लिए जा रहे है। इसके लिए संबंधित नगर-निगम या नगरपालिका परिषद् के कार्यालय में आवेदन किया जा सकता है। निगम या पालिका की सीमा के बाहर निवेश क्षेत्र के अन्दर के अनाधिकृत निर्माण को नियमित कराने के लिए नगर निवेश कार्यालय में आवेदन जमा होंगें। कलेक्टर ने यह भी बताया कि आवेदक को आवेदन के साथ मकान के कागजात, मकान के फोटोग्राफ्स, मकान का आर्किटेक्ट द्वारा बनाए गए नक्शा और संपत्ति कर या बिजली बिल की रसीद भी संलग्न करनी होगी।