संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य के अनुसार बैठक में ये तय किया गया कि देश के विद्यापीठों में हिंदुत्व की पढ़ाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यूएस और यूके में हिंदुत्व पर पढ़ाई हो रही है, तो यहां भी होनी चाहिए…
रायपुर – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में हुई समन्वय बैठक कई मायनों में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस अहम बैठक में संघ प्रमुख डॉ. मोहन राव भागवत और सर सह कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले की मौजूदगी में भाजपा सहित 36 अनुषांगिक संगठनों के प्रमुखों ने अपने कामकाज की रिपोर्ट पेश की। बैठक में संघ प्रमुख ने सभी पदाधिकारियों से आरएसएस की छह गतिविधियां सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, ग्राम विकास, गोसेवा, धर्म जागरण और पर्यावरण जैसे विषयों पर चर्चा की। इसके अलावा सभी संगठनों ने आगामी दिनों में चलाने जाने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा को लेकर विस्तृत विचार मंथन भी किया।
बैठक में शामिल विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि इस महत्वपूर्ण बैठक में संघ पदाधिकारियों ने ग्राम विकास के तहत अपने शताब्दी वर्ष 2025 तक ग्रामीण स्तर पर विकास व कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से संघ की गतिविधियों को अधिक मजबूत करने पर चर्चा की है। देश की सभी राज्यों में पंचायत स्तर से लेकर नगर पंचायत, नगरों व महानगरों और प्रांत स्तर पर सभी गांव व शहरी बस्तियों तक अपने कामों को पहुंचाने के लिए कार्ययोजना बनाई है। अधिक से अधिक राष्ट्रीय स्वयं सेवकों को जोड़ने और शाखाओं के विस्तार को लेकर चिंतन-मनन भी हुआ।
सामाजिक समरसता पर जोर
जानकारी के मुताबिक, इस बैठक में प्रमुख गतिविधियों में शामिल सामाजिक समरसता को लेकर भी विस्तार से चर्चा हुई है। सामाजिक समरसता भारतीय संस्कृति के मूल में है। समाज में हाशिये पर खड़े वंचित समुदाय से लेकर अगली पंक्ति में खड़े लोगों से समान रूप से अधिकार मिले इसे लेकर संघ में रणनीति बनाई जा रही है। इसी तरह कुटुंब प्रबोधन जो कि संघ का भारतीय संस्कृति व संस्कार से जुड़ा कार्यक्रम है। संघ के स्वयं सेवक यह मानते हैं कि कुटुंब प्रबोधन (पारिवारिक जागरण) के बिना सामाजिक एकता संभव नहीं है। आज के सामाजिक परिदृश्य में कई परिवारों में ही ऐसी स्थिति देखने को मिलती है कि किसी के पास दूसरे के लिए समय नहीं है। खासकर कोरोना काल में शारीरिक दूरी की बजाय लोगों के बीच सामाजिक दूरी भी बनती दिखी जो कि एक चिंता का विषय है। ऐसे में समाजहित में सोचना लोगों के लिए और भी मुश्किल हो गया है। इसलिए समन्वयक बैठक में सबसे बड़ी जरूरत कुटुंब प्रबोधन को लेकर विस्तार से चर्चा की गई।
आदिवासी क्षेत्रों में जनाधार बढ़ाएगी भाजपा
संघ की इस बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और मध्यप्रदेश के नवनियुक्त क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल भी मौजूद थे। इनके अलावा मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ के कुछ वरिष्ठ पदाधिकारी भी रायपुर की इस बैठक में व्यस्त थे। संघ की इस बैठक में सीधे तौर पर राजनीतिक मुद्दों पर कोई चर्चा होती, लेकिन विभिन्न वर्गों के लिए चलाए जाने वाले कार्यक्रमों पर विचार विमर्श की परंपरा है। इसके अलावा नए कार्यक्रमों के एजेंडे पर भी चर्चा होती है। इसी सिलसिले में आगामी चुनाव को देखते हुए मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की कार्ययोजना को लेकर भी चर्चा हुई। परोक्ष रूप से इसी में भाजपा आदिवासी क्षेत्रों में जनाधार बढ़ाने के लिए नए कार्यक्रम को शुरू करेगी।
स्कूल और कॉलेजों में हो हिंदुत्व की पढ़ाई
इस बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने सभी संगठनों से चर्चा की। इसमें तय किया गया कि आने वाले दिनों में देश में कुछ सकारात्मक बदलावों पर काम होना चाहिए। इसमें देश के स्कूल-कॉलेजों में हिंदुत्व के कोर्स की बात भी है। संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य के अनुसार बैठक में ये तय किया गया कि देश के विद्यापीठों में हिंदुत्व की पढ़ाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यूएस और यूके में हिंदुत्व पर पढ़ाई हो रही है, तो यहां भी होनी चाहिए। जीडीपी के बजाए भारतीय मानक इंडेक्स तैयार करने पर भी विचार किया गया।
जनजाति वर्ग के धर्मांतरण रोकने पर होगा काम
इस बैठक में तय किया गया कि ब्रांडेड चीजें अच्छी मानने के फैशन की वजह से स्थानीय कामगारों के उत्पादों को नुकसान हुआ है। इसलिए स्थानीय चीजों को बढ़ावा देने के मकसद से काम किया जाना चाहिए। ऑर्गेनिक फार्मिंग, किसान-मजदूर-व्यापारियों को साथ लेकर चलें। एग्रीकल्चर ग्रेजुएट खेती नहीं करते, जो खेती करते हैं वे शिक्षित नहीं होते। इसलिए उनकी शिक्षा पर काम हो। इसके अलावा भारत के न्यायालयों में भारतीय भाषाओं में काम हो। अदालतों के फैसले भारतीय भाषाओं में हों। लोगों को पता नहीं चलता वकील-जज अंग्रेजी में क्या बोल रहे हैं। इसके अलावा देशभर में जनजाति वर्ग के लोगों के धर्मांतरण रोकने पर काम होगा।au