नई दिल्ली – दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने एलान किया है कि उनकी पार्टी के सभी विधायक आज रात विधानसभा में ही रुकेंगे और उपराज्यपाल का विरोध करेंगे. आप विधायक सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj) ने कहा कि आज रात सभी आप विधायक (AAP MLA) सदन में ही रहेंगे. आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना (VK Saxena) पर नोटबन्दी के दौरान 1400 करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया है. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि शाम को महात्मा गांधी प्रतिमा के नीचे सभी विधायक बैठेंगे और रातभर विधानसभा में ही रुककर उपराज्यपाल का विरोध करेंगे.
दिल्ली विधानसभा में सोमवार को आम आदमी पार्टी के विधायक दुर्गेश पाठक ने आरोप लगाते हुए कहा था कि उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने खादी ग्रामोद्योग के अध्यक्ष रहते हुए 1400 करोड़ रुपये का घोटाला किया है. पार्टी ने अपने आरोपों में कहा कि खादी ग्रामोद्योग का अध्यक्ष रहते हुए विनय कुमार सक्सेना ने नोटबंदी के समय नवंबर 2016 में पुराने नोट को नए में बदल कर घोटाला किया. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नाम पर 1400 करोड़ का घोटाला किया गया.
उपराज्यपाल पर लगाए घोटाले के आरोप
दुर्गेश पाठक ने कहा कि नोटबंदी के दौरान जब लाखों लोगों के व्यापार तबाह हो गए और लोगों की नौकरियां चली गईं तब उपराज्यपाल 1400 करोड़ का घोटाला करने में व्यस्त थे. एलजी विनय सक्सेना का घोटाला उजागर करने वाले बहुत गरीब थे, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. हर फोरम में शिकायत की और कहा कि हमसे गलत काम कराया जा रहा है. इसके बावजूद जांच की अध्यक्षता खुद आरोपी ने की. दोनों शिकायतकर्ताओं को सस्पेंड कर दिया गया और अपने भ्रष्ट साथियों का प्रमोशन कर दिया.
एलजी को पद से हटाने की मांग की
दुर्गेश पाठक ने मांग की है कि दिल्ली के उपराज्यपाल के खिलाफ ईडी की रेड होनी चाहिए. ये मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार का मामला है. उपराज्यपाल के खिलाफ जब तक जांच चले तब तक इन्हें एलजी के पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. इन्हें उपराज्यपाल के पद से हटाया जाए. इस मामले को लेकर एलजी विनय कुमार सक्सेना के खिलाफ दिल्ली विधानसभा में आप विधायकों ने जमकर विरोध प्रदर्शन भी किया. इन आरोपों पर आप विधायकों ने उन दो कैशियर के बयान भी जारी किए जिन्होंने खादी ग्रामोद्योग से जुड़े इस मामले को उजागर किया गया.
दो कैशियर के बयान भी किए जारी
खादी ग्रामोद्योग के बिक्री केंद्र के हेड कैशियर संजीव कुमार ने कहा कि मैंने 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट भवन प्रबंधक के कहने पर स्वीकार किए. उन्होंने कहा कि चेयरमैन का आदेश था कि अगर बैंक नोट ले रहा है तो जमा कराएं. मैंने प्रबंधक महोदय को मना किया तो प्रबंधक ने कहा कि ऊपर से चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना का दबाव है. अगर नहीं किया तो चेयरमैन नाराज हो जाएंगे. इस बात पर मैं काफी डर गया. क्योंकि नोटबंदी से 5 दिन पहले ही चेयरमैन ने भवन के 2 स्टाफ का ट्रांसफर गोवा और जयपुर कर दिया था. अतः मजबूरी में मैंने यह काम किया. जिसकी जानकारी भवन के अधिकतर स्टाफ को पहले से थी.
क्या कहा कैशियर ने अपने बयान में?
उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए प्रतिदिन प्रबंधक अजय गुप्ता मुझे बिक्री कक्ष में बुलाते और पुराने 500-1000 के नोट बदलने के लिए देते. इस दौरान कहते कि आप प्रतिदिन अजय गुप्ता को नोट बदल कर दे दिया करो. मैंने जो भी अनुचित कार्य किया वह प्रबंधक एके गर्ग के दबाव में किया और इसकी पूरी जिम्मेदारी एके गर्ग की है. मैं यह शपथ पूर्वक कहता हूं कि इसमें मेरा कोई दोष नहीं है. मैं बड़े दुखी मन से बैंक में कैश जमा कर रहा था. उनके छुट्टी लेने के बाद इनके जूनियर प्रदीप कुमार यादव को हेड कैशियर बनाया गया. प्रदीप यादव मेरी अनुपस्थिति में हेड कैशियर के रूप में काम कर रहे थे. पूरा दोष भवन प्रबंधक और अजय गुप्ता का है.
कैशियर ने लगाए ये आरोप
इस दौरान दूसरे कैशियर प्रदीप कुमार यादव का बयान भी जारी किया गया जिसमें उन्होंने कहा कि नोटबंदी 8 नवंबर को हो गई थी. 9 नवंबर के बाद हमने ग्राहक से पुराने नोट स्वीकार नहीं किए. जो भी नोट जमा हुए हैं वह काउंटर कैशियर के द्वारा जमा किए गए. नए नोट हेड कैशियर के पास जाते थे. इसके बाद वह नोट एके गर्ग के आदेश अनुसार अजय कुमार गुप्ता के द्वारा हेड कैश केबिन में बदले जाते थे. इसके बाद उन नोट को कैशियर बैंक में जमा करते थे. एके गर्ग ने हेड कैश पर काम करने के एक दिन पहले शाम को अपने केबिन में बुलाकर हमें नोट बदलने के लिए कहा था. हमने कहा सर कोई परेशानी ना हो, तो उन्होंने कहा कि ये आदेश चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना का है, चिंता की बात नहीं है, हम हैं.
“धमकी देकर काम करवाया गया”
प्रदीप कुमार यादव ने बयान में कहा कि ये कार्य कैशियर से प्रेशर देकर कराया गया. हमें एके गर्ग ने कहा पहले से भी जमा हो रहा है, चिंता का कोई कारण नहीं है. अजय गुप्ता पुराने नोट लेकर आते थे और नए नोट ले जाते थे. हेड कैशियर पुराने नोट को बैंक में जमा कर देते थे. ये कार्य धमकी के साथ (जैसा कह रहा हूं वैसा करो) कहा जाता था. उपरोक्त शब्द जो भी कह रहा हूं पूर्णतया सत्य कह रहा हूं. मैं यह बयान पूरे होश हवास में दे रहा हूं. यह किसी दबाव से नहीं दे रहा हूं.
“जांच की अध्यक्षता उन्होंने की जिनके ऊपर आरोप था”
इस पर आप विधायक दुर्गेश पाठक ने कहा कि एक ब्रांच के यह दोनों कैशियर है. उन्होंने बताया कि नोटबंदी के बाद हमारी ब्रांच से लगभग 22 लाख रुपये की हेरफेर की गई है. पुराने नोट को बदलकर नए नोट दिए गए हैं. इस तरह से पूरे देश में खादी ग्राम उद्योग की लगभग 7000 ब्रांच हैं. अगर आप इसका आंकलन करोगे तो 1400 करोड़ से ज्यादा का भ्रष्टाचार है. ये दोनों बहुत डर गए, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी. उन्होंने देश में हर स्तर पर इसकी शिकायत की. उसके बाद जांच हुई. इस देश का दुर्भाग्य है कि इस जांच की अध्यक्षता उन्होंने की जिनके ऊपर आरोप था. ऐसे में इन दोनों कैशियर को सस्पेंड कर दिया और एके गर्ग व अजय कुमार गुप्ता का प्रमोशन कर दिया. एक को तो पूरा का पूरा राजस्थान दे दिया.
“घोटाले को उजागर करने वालों को किया सस्पेंड”
दुर्गेश पाठक ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह 1400 करोड़ रुपये का घोटाला है. सारे मामले में लीपापोती कर दी गई. सीबीआई में भी मामला दर्ज किया गया. सबसे बड़ी बात यह है कि सीबीआई में उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना का नाम तक नहीं लिखा गया. सीबीआई ने ना तो कोई रेड की ना कोई पूछताछ की. इतना बड़ा घोटाला हुआ लेकिन कोई एक्शन नहीं हुआ. जिन लोगों ने इस घोटाले को एक्सपोज किया उनको ही सस्पेंड कर दिया गया.
आप विधायकों ने की ये मांग
आप विधायकों ने कहा कि हम मांग करते है कि सीबीआई के एफआईआर में विनय कुमार सक्सेना का नाम डाला जाए. इनके खिलाफ ईडी की रेड होनी चाहिए. पूरा मामला मनी लॉन्ड्रिंग है. एलजी के खिलाफ जांच होनी चाहिए. विधानसभा में सदन के भीतर और बाहरआप विधायकों के हंगामे और प्रदर्शन की वजह से सदन की कार्यवाही चार बार तक स्थगित करनी पड़ी और हंगामा बढ़ता देख विधानसभा की कार्यवाही को अगले दिन तक के लिये स्थगित करना पड़ा.
बीजेपी ने कहा- ये झूठे आरोप-लगाते रहते हैं
एलजी (Delhi LG) पर आप (AAP) विधायकों द्वारा लगाये गये इन आरोपों पर बीजेपी (BJP) विधायक विजेन्द्र गुप्ता (Vijendra Gupta) ने कहा कि एलजी ने सीएम की बिना साइन वाली 47 फाइलें लौटा दी हैं, मुख्यमंत्री सिग्नेचर तक नहीं कर रहे हैं. एलजी के पास फाइल जाएगी और सरकार के मुखिया के साइन ही नहीं होंगे. ये इस तरह बिना तथ्यों के आधार पर झूठे आरोप-लगाते रहते हैं.