नोएडा में भ्रष्टाचार करके बनाए गए ट्विन टावर को दोपहर ढाई बजे ध्वस्त कर दिया जाएगा। इससे पहले पुलिस लोगों से एरिया खाली करवाने में जुट गई है। आसपास की दो सोसाइटी में रहने वाले लोग बाहर निकल रहे हैं।
ट्विन टावर गिरने से पहले सुपरटेक का बयान- कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं
नोएडा – नोएडा के सेक्टर-93ए में बने 103 मीटर ऊंचे ट्विन टावर की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। दोपहर ढाई बजे इन्हें ध्वस्त कर दिया जाएगा। महज 9-12 सेकेंड में कुतुब मीनार से भी ऊंची इमारत जमींदोज हो जाएगी। ऐसा देश में पहली बार होने वाला है। इसके ध्वस्तीकरण के लिए करीब 9640 छेद में 3700 किलो विस्फोटक का प्रयोग किया गया है। आसपास की सोसाइटी में रहने वाले लोगों ने फ्लैट खाली करने शुरू कर दिए है। पुलिस लगातार लोगो से क्षेत्र को खाली करवा रही है। वहीं बहुत से लोग टावर के साथ अपनी फोटो खिंचवाने के लिए पहुंच रहे हैं। ट्विन टावर के आसपास मौजूद आवारा पशुओं को रेस्क्यू किया जा रहा है। विस्फोट की वजह से नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे एक घंटे तक बंद रहेगा। वहीं ट्विन टावर के आसपास सुबह सात बजे से ट्रैफिक पाबंदियां शुरू हो गई हैं।
ट्विन टावर गिरने से पहले सुपरटेक का बयान सामने आया है जिसमें कहा गया है कि 2009 में नोएडा प्राधिकरण द्वारा टावरों को मंजूरी दी गई थी। नोएडा प्राधिकरण को पूरा भुगतान करने के बाद हमने टावर का निर्माण किया था। हालांकि, सर्वोच्च न्यायालय ने तकनीकी आधार पर निर्माण को संतोषजनक नहीं पाया है और दोनों टावरों को ध्वस्त करने के आदेश जारी किए।
बयान में आगे कहा गया कि हम सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों का सम्मान करते हैं और उसे लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमने एक विश्व प्रसिद्ध कंपनी एडिफिस इंजीनियरिंग को ध्वस्त का काम सौंपा है, जिनके पास ऊंची इमारतों को सुरक्षित रूप से गिराने में विशेषज्ञता है। हमने करीब 70000 से अधिक लोगों को फ्लैट्स तैयार करके दे दिए हैं, बाकि के लोगों को भी निर्धारित समय से दे दिए जाएंगे। हम अपने सभी घर खरीदारों को आश्वस्त करते हैं कि माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेश के चलते किसी अन्य चल रही परियोजना प्रभावित नहीं होगी, परियोजनाएं जारी रहेंगी। हम निर्धारित समय में निर्माण पूरा कर आवंटियों को फ्लैट वितरित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने दिया टावर ढहाने का आदेश
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने डेढ़ साल की सुनवाई के बाद 11 अप्रैल 2014 में ट्विन टावर को ध्वस्त करने का आदेश दिया था। इसके बाद 31 अगस्त 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने भी एमरॉल्ड कोर्ट के खरीदारों के पक्ष में फैसला सुनाया था।
ऐसे होगा मलबे का निस्तारण
ट्विन गिराए जाने से निकले करीब 28 हजार मीट्रिक टन मलबे का मानकों के अनुसार निस्तारण किया जाएगा। नोएडा के सेक्टर-80 स्थित सी एंड डी वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट में वैज्ञानिक पद्धति से मलबा निस्तारित होगा। बाकी मलबा टावर के बेसमेंट में और एक गांव में गहरे गड्ढे में पहुंचाया जाएगा।