सोमालिया – राजधानी मोगादिशु में आधी रात में आतंकी हमला हुआ। आतंकियों ने हयात होटल में घुसकर फायरिंग की, जिसमें 8 लोगों की मौत हो गई है और 9 घायल हो गए। खबर है कि पहले हयात होटल के बाहर खड़ी 2 कारों में ब्लास्ट हुए। इसके बाद आतंकी होटल में घुसे और लोगों के बीच फायरिंग शुरू कर दी।
न्यूज एजेंसी AFP के मुताबिक, होटल में सिक्योरिटी फोर्स और आतंकियों के बीच मुठभेड़ जारी है। हमले में मोगादिशु के खुफिया प्रमुख मुहीदीन मोहम्मद घायल हुए हैं। फिलहाल 8 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। इस्लामी आतंकवादी समूह अल-शबाब ने हमले की जिम्मेदारी ली है।
28 जुलाई को सोमालिया में अलग-अलग बम हमलों में 19 लोगों की मौत हो गई थी।
क्यों कह रहे मुंबई जैसा हमला
26 नवंबर 2008 में भारत के मुंबई में भी ऐसा ही हमला हुआ था। आतंकियों ने ताज होटल में घुसकर फायरिंग और ब्लास्ट किए थे। इस हमले में 9 हमलावरों समेत करीब 180 लोगों की मौत हो गई थी। यहां 10 आतंकी बैग में 10 एके-47, 10 पिस्टल, 80 ग्रेनेड, 2 हजार गोलियां, 24 मैगजीन, 10 मोबाइल फोन, विस्फोटक और टाइमर्स लेकर घुसे थे।
मुंबई और सोमालिया के हमले में 9 समानताएं
दोनों फिदायीन हमले हैं और आतंकी मरने और मारने के इरादे से होटल में घुसे।
दोनों में आतंकियों ने सेवन स्टार होटल को निशाने पर लिया।
दोनों हमलों में बड़े पुलिस अधिकारियों को टारगेट किया गया था। होटल में सोमालिया के बड़े पुलिस अधिकारीयों की एक मीटिंग चल रही थी।
दोनों में पहले होटल में ब्लास्ट किया गया और फिर उसमें रह रहे लोगों को बंधक बनाया गया।
दोनों हमले में आतंकी इतने हथियार के साथ आये थे कि उनकी प्लानिंग इसे लंबे समय तक आगे ले जाने की है। मुंबई का हमला 59 घंटे चला था।
मुंबई और सोमालिया में अंधाधुंध फायरिंग के बाद आतंकियों ने होटल में रह रहे लोगों को बंधक बनाया।
शुरूआती जांच में पता चला है कि सोमालिया के हमले में भी मुंबई हमले की तरह बाहर से निर्देश दिए जा रहे हैं।
जांच में यह भी पता चला है कि दोनों वेल प्लांड हमले हैं। मुंबई में हमले से पहले डेविड हेडली रेकी करके गया था, माना जा रहा है कि इस हमले से पहले भी होटल और आसपास की रेकी हुई है और आतंकियों ने तब हमला किया जब बड़े अधिकारी एक खुफिया मीटिंग कर रहे थे।
मुंबई और सोमालिया का हमला शुक्रवार को हुआ।
क्या है अल-शबाब
अल-शबाब एक आतंकी संगठन है। इसका मकसद 2017 में बनी सोमालिया सरकार को जड़ से उखाड़ना है।
अल-शबाब का जन्म 2006 में हुआ। ये सऊदी अरब के वहाबी इस्लाम को मानता है।
मोगादिशू शहर यूनियन ऑफ इस्लामिक कोर्ट्स के कब्जे में था, जो कि शरिया अदालतों का एक संगठन था। इसका मुखिया शरीफ शेख अहमद था। 2006 में इथियोपिया की सेना ने इस संगठन को हरा दिया और अल-शबाब का जन्म हुआ। अल-शबाब यूनियन ऑफ इस्लामिक कोर्ट्स की ही एक कट्टरपंथी शाखा है।
अल-शबाब के बड़े हमले
2017 में मोगादिशू शहर में ब्लास्ट हुआ था। इस हमले में 275 लोगों की मौत हो गई थी।
अल-शबाब आतंकियों ने 2016 में केन्या के सैन्य शिविर पर हमला किया था। इसमें 180 सैनिकों की मौत हो गई थी।
2015 में केन्या की यूनिवर्सिटी पर आतंकी हमला हुआ था। इस दौरान 148 छात्र मारे गए थे।