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कोरोना ने फिर बढ़ाई केंद्र की टेंशन, दिल्ली-केरल और कर्नाटक समेत 7 राज्यों को टेस्टिंग और टीकाकरण बढ़ाने की सलाह

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नई दिल्ली – देश के कुछ हिस्सों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले एक बार फिर बढ़ने के बीच केंद्र सरकार हरकत में आ गई है। सरकार ने दिल्ली और छह राज्यों से पर्याप्त जांच सुनिश्चित करने, कोरोना नियमों के पालन को बढ़ावा देने और इस वृद्धि को रोकने के लिए टीकाकरण की गति बढ़ाने को कहा है।

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने दिल्ली, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, ओडिशा, तमिलनाडु और तेलंगाना को लिखे एक पत्र में कहा है कि देश के विभिन्न हिस्सों में आने वाले त्योहार और सामूहिक समागम संभावित रूप से COVID-19 सहित संक्रामक रोगों को फैलने में मदद कर सकते हैं।

उन्होंने 5 अगस्त को लिखे इस पत्र में जोर देकर कहा कि आरटी-पीसीआर और एंटीजन टेस्ट की अनुशंसित हिस्सेदारी को बनाए रखते हुए राज्यों के सभी जिलों में पर्याप्त टेस्ट सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है। राज्यों को संक्रमण के प्रसार को रोकने और प्रभावी मामले प्रबंधन के लिए अधिक मामलों और उच्च सकारात्मकता दर वाले जिलों की बारीकी से निगरानी करनी चाहिए।

दिल्ली को लिखे अपने पत्र में राजेश भूषण ने कहा कि राजधानी में पिछले एक महीने से औसत दैनिक नए मामले 811 मामले दर्ज कर रही है, जिसमें 5 अगस्त को सर्वाधिक 2202 नए मामले दर्ज किए गए हैं।

दिल्ली ने 5 अगस्त को समाप्त सप्ताह में भारत के साप्ताहिक नए मामलों में 8.2 प्रतिशत का योगदान दिया है और औसत दैनिक नए मामलों में 1.86 गुना वृद्धि दर्ज की है, जो 29 जुलाई को समाप्त सप्ताह में 802 से बढ़कर 5 अगस्त को समाप्त सप्ताह में 1,492 हो गई है।

दिल्ली में साप्ताहिक सकारात्मकता दर में भी वृद्धि दर्ज की गई, जो 29 जुलाई को समाप्त सप्ताह में 5.90 प्रतिशत से बढ़कर 5 अगस्त को समाप्त सप्ताह में 9.86 प्रतिशत तक पहुंच गई।

भूषण ने कहा कि केरल में पिछले एक महीने में प्रतिदिन औसतन 2,347 मामले और महाराष्ट्र में 2,135 मामले दर्ज किए गए। उन्होंने संक्रमण के जिलेवार प्रसार का भी हवाला दिया।

उन्होंने राज्यों से COVID-19 के लिए संशोधित निगरानी रणनीति का प्रभावी अनुपालन सुनिश्चित करने का अनुरोध किया, जिसे केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा साझा किया गया है।

उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के निर्धारित नमूनों की जीनोम सिक्वेंसिंग के साथ-साथ निगरानी स्थलों और नए कोविड​​​​-19 मामलों के स्थानीय क्लस्टर से नमूनों का संग्रह भी उतना ही महत्वपूर्ण है। भूषण ने कहा कि ऐसे नमूनों को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा नामित प्रयोगशाला में जीनोम सिक्वेंसिंग के तुरंत भेजा जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि बाजारों, अंतर-राज्यीय बस स्टैंडों, स्कूलों, कॉलेजों, रेलवे स्टेशनों आदि जैसी भीड़-भाड़ वाली जगहों पर कोविड-उपयुक्त व्यवहार सुनिश्चित करने के लिए नए सिरे से ध्यान देने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि राज्यों को सभी पात्र आबादी के लिए टीकाकरण की गति बढ़ाने का लक्ष्य रखना चाहिए और 30 सितंबर तक ‘कोविड टीकाकरण अमृत महोत्सव’ के तहत सभी सरकारी कोविड टीकाकरण केंद्रों (CVCs) में 18 साल से अधिक पात्र आबादी के लिए मुफ्त बूस्टर डोज लगाने में तेजी लाने का लक्ष्य रखना चाहिए।