मुंबई – ईडी ने स्पेशल कोर्ट से दरखास्त की थी कि राउत को 8 दिनों के रिमांड पर दिया जाए। लेकिन स्पेशल जज एमजी देशपांडे ने कहा कि उनको 8 अगस्त तक रिमांड में रखना सही नहीं होगा।
पात्रा चाल स्कैम में ईडी के शिकंजे में आए संजय राउत फिलहाल हवालात में ही रहेंगे। लेकिन राहत की बात है कि कोर्ट ने उन्हें घर के खाने के साथ दवाओं और कानूनी सहायता मुहैया कराने की छूट दे दी है। स्पेशल कोर्ट ने उन्हें 4 अगस्त तक ईडी की हिरासत में भेजने का फैसला किया है। मुंबई स्थित घर पर रेड के बाद राउत को रविवार को एजेंसी ने हिरासत में लिया था।
एक रिपोर्ट के मुताबिक ईडी ने स्पेशल कोर्ट से दरखास्त की थी कि राउत को 8 दिनों के रिमांड पर दिया जाए। लेकिन स्पेशल जज एमजी देशपांडे ने कहा कि मामले से जुड़ी हर चीज पहले ही दस्तावेजों में आ चुकी है। कोर्ट ने माना कि राउत और उनकी पत्नी के खातों से पैसे के लेनदेन की बात अभी भी सामने आने की संभावना है। लेकिन उनको 8 अगस्त तक रिमांड में रखना सही नहीं होगा। इतना लंबा रिमांड कोर्ट को जायज नहीं लगा।
स्पेशल कोर्ट ने राउत की सेहत के मद्देनजर घर का खाना और दवाएं मुहैया कराने की अनुमति दी है। कोर्ट ने ये भी कहा कि आरोपी दिल की बीमारी से जूझ रहा है। लिहाजा अगर जरूरत पड़े तो ईडी राउत को अस्पताल में भी दाखिल कराए, जिससे उन्हें बेहतर उपचार मुहैय़ा कराया जा सके। ईडी पात्रा चाल से जुड़े मामले की जांच कर रही है। इसमें राउत और उनकी पत्नी वर्षा राउत पर आरोप है कि वो इस घोटाले में शुरू से ही सक्रिय तौर पर शामिल रहे थे। ईडी ने उनकी 11 करोड़ से ज्यादा संपत्ति जब्त भी की है।
ईडी ने इससे पहले राउत के खासमखास प्रवीण राउत को गिरफ्तार भी किया था। एजेंसी का कहना है कि गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन का एक डायरेक्टर प्रवीण भी था। कंपनी का महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी से करार हुआ था कि वो पात्रा चाल में रह रहे किराएदारों के लिए 672 फ्लैट बनाकर देंगे।
लेकिन प्रवीण ने अथॉरिटी को गुमराह करके फ्लेर स्पेस इंडेक्स 9 बिल्डरों को बेच दिया। उसने उनसे इसकी एवज में 901.79 करोड़ रुपये हासिल किए। उसने गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन की मेन कंपनी हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इंफ्रा से 100 करोड़ रुपये लेकर राउत परिवार के साथ कुछ और लोगों को ट्रांसफऱ कर दिए।