छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य एवं पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने अपने विभाग से इस्तीफा दे दिया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लिखे चार पन्नों में उन्होंने पंचायत विभाग छोड़ने के कारण भी गिनाए हैं।
रायपुर: छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य एवं पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने अपने विभाग से इस्तीफा दे दिया है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को लिखे चार पन्नों में उन्होंने पंचायत विभाग छोड़ने के कारण गिनाए हैं। उन्होंने लिखा है कि बाकी जो विभाग आपने मुझे दिया है, वह यथावत रहेगा। सूत्रों के मुताबिक सिंह देव इस बात से नाराज थे उनके आदेश का पालन विभाग में नहीं हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग से उनका इस्तीफा नहीं हुआ है। माना जा रहा है कि टीएस सिंह देव कि यह नाराजगी तब सामने आई है। जब पंचायत के अफसर उनकी सुन नहीं रहे थे और किसी भी प्रोजेक्ट के लिए राशि भी उपलब्ध नहीं कराई जा रही थी। जिससे विकास कार्य अवरुद्ध थे।
प्रदेश सरकार की मुश्किलें बढ़ेंगी!
दरअसल, कई दिनों से अटकलें लगाई जा रही थी कि ढाई-ढाई साल के कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री न बनने का वादा पूरा न करने से टीएस सिंहदेव नाराज थे और वे कोई भी कदम उठाने की अटकलें थी। लेकिन आज पंचायत विभाग से इस्तीफा देने की चर्चाओं ने यह साबित कर दिया है कि आने वाले समय में प्रदेश सरकार के लिए मुश्किलें बढ़ेंगी। देखना होगा कि अभी सिंहदेव का अगला कदम क्या होगा और बीजेपी इस पर किस तरह का रुख अख्तियार करती है।
2021 में भी उठा था बवंडर
2021 में विधानसभा के मानसून सत्र से ठीक पहले कांग्रेस सरकार में बवंडर उठा था। रामानुजगंज से विधायक बृहस्पत सिंह ने प्रेस वार्ता कर आरोप लगाया कि सिंहदेव उनको मारना चाहते हैं। उनके साथ 18 विधायक और भी थे। अगले दिन सत्र शुरू हुआ और विधानसभा में बवाल हो गया। आहत सिंहदेव ने सरकार की ओर से सफाई आने तक सदन में आने से इनकार कर दिया। बाद में बृहस्पत सिंह ने अपने बयानों के लिए सदन में माफी मांगी। गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने सरकार की ओर से बयान दिया कि सिंहदेव पर लगाए गए आरोप निराधार हैं। उसके बाद सिंहदेव विधानसभा की कार्यवाही में शामिल होने वापस लौटे।
अंबिकापुर से भेजा है इस्तीफा
टीएस सिंहदेव ने इस्तीफा अपने विधानसभा क्षेत्र अंबिकापुर से भेजा है। टीएस सिंहदेव कांग्रेस सरकार के आधार स्तंभों में से एक हैं। 17 दिसम्बर 2018 को उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ ही मंत्री पद की शपथ ली थी। उस दिन मुख्यमंत्री ने केवल दो मंत्रियों टीएस सिंहदेव और ताम्रध्वज साहू के साथ कैबिनेट का गठन कर सरकार की औपचारिक शुरुआत की थी। किसानों की कर्ज माफी और 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने का ऐतिहासिक फैसला भी इन्हीं तीन लोगों ने मिलकर किया था। बाद में टीएस सिंहदेव के पोर्टफोलियो में स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, वाणिज्यिक कर (GST) और 20 सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग को शामिल किया गया।nt se