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छत्तीसगढ राज्य निर्माण के 22 वर्षो बाद भी स्कूली छात्र छात्राए जान जोखिम में डालकर नदी पार कर स्कूल आने मजबूर

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अमलीपदर नदी में उफान के चलते दो दिनो तक सैकडो छात्र नही पहुचे स्कूल , आज पानी का बहाव कम होने पर नदी को पार कर स्कूल जाते बच्चे

मैनपुर – गरियाबंद जिले के आदिवासी विकासखण्ड मैनपुर क्षेत्र के लोग छत्तीसगढ राज्य निर्माण के 22 वर्षो बाद भी सडक पुल पुलिया के अभाव में बारिश के चार माह कई गांव के लोग बेहद बत्तर जिदंगी जीने को मजबूर हो जाते है, पुल पुलिया और सडक के अभाव में गांव तक इमरजेंसी एम्बुलेंस व अन्य सुविधाए नही पहुचने से जंहा समय पर ईलाज नही हो पाता वही स्कूली छात्र छात्राओ को जान जोखिम में डालकर अपने सुनहरे भविष्य गढ़ने नदी नालो को पार कर स्कूल तक पहुचना पडता है, तब कही जाकर उन्हे शिक्षा हासिल होती है पिछले दो दिनो से झमाझम बारिश के कारण मैनपुर क्षेत्र के लगभग सभी नदी नाले उफान पर थे और कई स्कूलो के दरवाजे तक नही खुल पाये क्योंकि स्कूल तक न तो शिक्षक पहुच पाये और न ही छात्र और तो और तहसील मुख्यालय से भी लोग कट रहे।

यह तश्वीर नदी को पार कर स्कूल जाते छात्र छात्राओ की जो दिखाई दे रही है वह मैनपुर विकासखण्ड के ग्राम अमलीपदर का है, अमलीपदर में हाई स्कूल एंव हायर सेकण्डरी स्कूल की सुविधा है, और अमलीपदर में ग्राम उसरीजोर, गुढियारी, डेंडूपदर, मुडामहान,गुरजीभाठा, फरसरा सहित एक दर्जन से ज्यादा ग्रामो के सैकडो छात्र छात्राए हाई स्कूल एंव हायर सेकण्डरी स्कूल में पढाई करने नदी को पार कर आते है, लेकिन दो दिनो तक लगातार बारिश होने के कारण नदी में भारी उफान के चलते बच्चे स्कूल तक नही पहुच पाये और तो और ग्रामीणो का भी आना जाना बंद था, आज गुरूवार को नदी में पानी का बहाव कम होने पर इन ग्रामो के छात्र छात्राए ग्राम अमलीपदर स्कूल पढाई करने पहुचे छात्र दिपीका, राधिका, रोहिनी, मोहन, कुलेश्वरी, पदमा, श्रेजल, विक्की ने बताया कि बारिश के दिनो में उन्हे इसी तरह नदी को पार कर स्कूल आना पडता है लेकिन यह नदी काफी लंबा चौडा है कब अचानक बहाव तेज हो जाए इसका डर बना रहता है।

क्या कहते है प्राचार्य

शासकीय उच्चतर कन्या माध्यमिक विद्यालय अमलीपदर के प्राचार्य श्री वाघे ने बताया कि 55 से 60 छात्राए नदी पार कर स्कूल पढाई करने आते है, आज दो दिन बाद बच्चे पहुचे उन्हे समय से पहले स्कूल से जल्दी छुटटी दिया गया क्योंकि आज भी बारिश हो रही थी।