एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मेडिकली रूप से मरकर वापस आने वाले लोगों से रेडिट थ्रेड ने कुछ समय पहले सवाल जवाब किया। जिन लोगों से सवाल जवाब किया गया था उनका तीन भागों में बंटवारा किया गया था। पहले ऐसे लोग हैं जिन्होंने कुछ महसूस नहीं किया। दूसरे व्यक्ति वे लोग थे जो मौत के बाद दूसरे व्यक्ति बातचीत कर रहे थे। तीसरे लोग ऐसे थे जिन्होंने कोई रोशनी देखी। NYU लैंगोन मेडिकल सेंटर, यूके में मेडिसिन के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सैम पारनिया ने जिन लोगों को कार्डियक अरेस्ट आया था उनको खोजा और उनसे बात की।

एक शख्स ने बातचीत में हैरान करने वाला खुलासा किया है। शख्स का कहना है कि वह एक एंजियोग्राफी करा रहा था। इस दौरान वह मशीन की स्क्रीन को देख रहा था और डॉक्टर से बात कर रहा था। शख्स ने आगे बताया कि धीरे-धीरे मशीन की आवाज और अलार्म बंद होने लगा। इसके अलावा मेरे आसपास मौजूद लोग घबराने लगे। शख्स ने बताया कि मेरे आंखों के सामने दुनिया धुंधली नजर आने लगी और मेरी आंखों के सामने अंधेरा छा गया। शख्स ने बताया कि उसे सिर्फ इतना याद है कि मेरी आंखें खुली थी और डॉक्टर ने कहा कि हमने उसको बचा लिया। यह सुनकर मैंने काफी सुकून महसूस किया।

एक दूसरे शख्स ने बताया कि वह एक बार क्लास में प्रजेंटेशन दे रहा था और इसी दौरान गिर गया जिसके बाद मेरी सांसें और ब्लड सर्कुलेशन रुक गया। उसने आगे बताया कि ऐसा लग रहा था वह किसी गहरे छेद से नीचे गिर रहा है और उसके साथी मदद के लिए रो रहे हैं। होश आने के बाद मुझे कुछ याद नहीं है। शख्स ने बताया कि हेरोइन लेने की वजह से उसका हार्ट काम नहीं कर रहा था और ऐसे लग रहा था जैसे वह कोई सपना देख रहा है।

एक शख्स ने बताया कि वह फरवरी 2014 में एक मीटिंग के समय गिर गया था और पांच मिनट के लिए उसकी हार्ट रेट और पल्स ने काम करना बंद कर दिया। उसने बताया कि उसको एक घंटे पहले और दो दिन बाद की घटनाएं याद थीं। उसने बताया कि गिरने के दो दिनों के बीच का वह सबकुछ भूल गया था। यानी मेडिकली तौर पर कोमा में चला गया था।अमर उजाला से साभार