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बड़ी लापरवाही – कोरोना संदिग्धों को जनरल वार्ड में भर्ती करने से जिला अस्पताल में बढ़ा खतरा

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कवर्धा – स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कोरोना पॉजिटिव मरीज को सामान्य मरीजों के साथ भर्ती कर दिया गया। जैसे ही सामान्य मरीजों को इसका पता तो अस्पताल में हड़कंप मच गया। इसके बाद सामान्य मरीजों ने परिजनों ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया।

दरअसल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बोड़ला में एक कोरोना संक्रमित मरीज को अस्पताल के जनरल वार्ड में भर्ती कर दिया गया। सामान्य मरीजों को पता लगते ही यहां हड़कंप मच गया। वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मामले से अपने आपको अनजान बता रहे हैं।

जिला अस्पताल प्रबंधन इन दिनों कोरोना संदिग्धों मरीजों का जनरल मेल और फीमेल मेडिकल वार्ड में आम मरीजों के साथ भर्ती करके इलाज कर रहे है। यदि इन में से एक भी संदिग्ध मरीज जांच के बाद कोरोना से संक्रमित पाया जाता है, तो जनरल वार्ड के मरीजों और नर्सिंग स्टाफ को इसका खमियाजा भुगतना पड़ेगा। इस सब की जानकारी होने के बाद भी जिला अस्पताल प्रबंधन इतनी बड़ी लापरवाही कर रहा है।  जिला अस्पताल के पुराने भवन में कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों को भर्ती कर इलाज देने के लिए प्रबंधन द्वारा 20 बिस्तरों का प्री-आइसोलेशन वार्ड स्थापित किया गया। इस वार्ड में संदिग्ध मरीजों को भर्ती किया जा रहा था। लेकिन स्वास्थ विभाग भोपाल ने जिला अस्पताल प्रबंधन में 10 बिस्तरों का एक आइसीयू वार्ड और 45 बिस्तरों के ऑक्सीजन पाइप लाइन युक्त वार्ड बनाने की अनुमति दी। इस पर प्री-आइसोलेशन वार्ड को बंद कर उसमें आइसीयू वार्ड का कार्य शुरू कर दिया है। तब से इस वार्ड में भर्ती होने वाले कोरोना संदिग्धों को जनरल मेल और फीमेल मेडिकल वार्ड में भर्ती किया जा रहा है। पिछले 9 दिनों से यह कोरोना संदिग्ध मरीज मेडिशन वार्ड के अन्य मरीजों के साथ भर्ती होकर अपना इलाज करवा रहे हैं। यह मरीजों को सामान्य मरीजों के साथ भर्ती होने से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।

संदिग्धों की मौत के बाद लिया जा रहा सैंपल

पिछले एक सप्ताह में इस वार्ड में भर्ती दो कोरोना संदिग्धों की मौत हो चुकी है। इनकी मौत के बाद स्वास्थ विभाग ने इनके सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे। 10 जून बुधवार की शाम टीकमगढ़ जिले में पलेरा के निक्की पिता अब्दुल खान उम्र 23 की इलाज के दौरान मौत हो गई। इस युवक की मौत के बाद जिला अस्पताल प्रबंधन ने इसका कोविड-19 को सैंपल लेते हुए जांच के लिए भेजा। जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद युवक का शव गुरुवार को परिजनों को दिया गया। इसी प्रकार 4 जून की देर रात महोबा रोड स्थित कलानी गांव के राजेंद्र पिता हनुमत सिंह बुंदेला उम्र 55 वर्ष की इलाज के दौरान मौत हो गई। इस व्यक्ति की मौत के बाद सैंपल लिया गया। जांच रिपोर्ट आने के बाद उसका शव परिजनों को सौंप गया। अस्पताल प्रबंधन को चाहिए कि वर्ड में भर्ती होते ही इन व्यक्तियों के सैंपल लेकर जांच करानी चाहिए।

इलाज देने वाले स्टाफ के पास भी नहीं सुरक्षा सामग्री
आइसीयू वार्ड का काम शुरू होने पर 3 जून को प्री-आइसोलेशन वार्ड के 8 मरीजों को मेल और फीमेल मेडिकल वार्ड में शिफ्ट किया गया। तब से इन मरीजों को यहां के नर्सिंग स्टाफ द्वारा इलाज दिया जा रहा है। इन मरीजों को इलाज देने के लिए नर्सिंग स्टाफ के पास सुरक्षा उपकरण होना चाहिए जो प्रबंधन द्वारा अभी तक उपलब्ध नहीं कराई गए हैं। इन मरीजों को उपचार देने के लिए नर्सिंग स्टाफ के पास ग्लव्स, एन-95 मास्क सहित पीपीई किट होना अनिवार्य है। पर जिला अस्पताल प्रबंधन द्वारा यहां के स्टाफ को सिर्फ नर्सिंग गाउन दी गई है। जो सुरक्षा की दृष्टि से पर्याप्त नहीं है