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लालू-तेजस्वी के ‘प्लान’ से हिल जाएंगे नीतीश, 30 दिन बाद एक तीर से RJD साधेगी कई निशाने!

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15 जुलाई के बाद आरजेडी का संगठनात्मक चुनाव शुरू होगा। पहले चरण में बूथ स्तर से पंचायत स्तर के चुनाव होंगे। इसके बाद प्रखंड स्तर और फिर जिला स्तर होते हुए राज्य कार्यकारिणी तक का चयन होगा। माना जा रहा है कि सितंबर में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होगा, उसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष का।

पटना – आरजेडी का अगला प्रदेश अध्यक्ष कौन? जगदानंद सिंह के बाद बिहार आरजेडी का कप्तान कौन बनेगा? ये ऐसे सवाल हैं, जिसका जवाब आरजेडी समर्थकों के साथ विपक्षी भी जानना चाहते हैं। हालांकि इस सावल के जवाब के लिए अभी इंतजार करना होगा। कम से कम 30 दिन बाद ही इस सवाल का जवाब मिल पाएगा। लेकिन जो खबर मिल रही है, उससे साफ है कि जगदानंद सिंह दोबार आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनने जा रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जगदा बाबू ने खुद ही इनकार कर दिया है। हालांकि आरजेडी नेता अभी इस पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।

दरअसल, आरजेडी का सदस्यता अभियान चल रहा है। पहले 30 जून तक सदस्यता अभियान चलाया जाना था, लेकिन पार्टी ने 15 दिनों का विस्तार दे दिया है। माना जा रहा है कि 15 जुलाई के बाद आरजेडी का संगठनात्मक चुनाव शुरू होगा। पहले चरण में बूथ स्तर से पंचायत स्तर के चुनाव होंगे। इसके बाद प्रखंड स्तर और फिर जिला स्तर होते हुए राज्य कार्यकारिणी तक का चयन होगा। माना जा रहा है कि सितंबर में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होगा, उसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष का।

जगदा बाबू दोबारा नहीं बनेंगे प्रदेश अध्यक्ष!
खबरों की माने तो मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह दोबारा कुर्सी नहीं संभालेंगे। पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जगदानंद सिंह ने दोबारा प्रदेश अध्यक्ष बनने में दिलचस्पी नहीं दिखाई है। यूं कहें तो वे प्रदेश अध्यक्ष बनना ही नहीं चाहते हैं। ऐसे में लालू यादव और तेजस्वी यादव नए चेहरे के तलाश में हैं।

इस PLAN पर काम कर रहे लालू-तेजस्वी
पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जगदा बाबू के ‘ना’ के बाद लालू-तेजस्वी नए प्लान पर काम कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार, तेजस्वी यादव अपने टीम में शामिल नेताओं में से किसी एक को प्रदेश अध्यक्ष बना सकते हैं। दावेदारों में सबसे ऊपर तेजस्वी के खास, पार्टी के मौजूदा विधायक और पूर्व मंत्री आलोक मेहता का नाम सबसे आगे है।

आलोक मेहता पर दांव क्यों?
अब सबके मन में सवाल होगा कि आलोक मेहता को लालू-तेजस्वी प्रदेश अध्यक्ष क्यों बनाएंगे? दरअसल, आलोक मेहता कुशवाहा समाज से आते हैं। अगर पार्टी उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाती है तो सबसे पहले जेडीयू की लव-कुश समीकरण का काट खड़ा कर सकती है। दूसरा समाज में संदेश जाएगा कि पार्टी में सभी जातियों का स्थान है। काम करने पर पार्टी सबको मौका देगी। बहरहाल अभी वक्त है, हो सकता है वक्त के साथ प्लान भी बदल जाए लेकिन इतना तो साफ है कि सितंबर में बिहार आरजेडी को नया कप्तान मिलेगा।