Home छत्तीसगढ़ राजधानी में कहीं स्वस्फूर्त तो कहीं जबरिया बंद…

राजधानी में कहीं स्वस्फूर्त तो कहीं जबरिया बंद…

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किसान बिल के विरोध में मंगलवार को राजनीतिक पार्टियों द्वारा कराए गए भारत बंद का असर राजधानी में मिला जुला रहा। कुछ क्षेत्रों में स्वस्फूर्त ही दुकानें बंद रही तो जबरिया।

रायपुर –  उदयपुर की घटना के विरोध में राजधानी समेत पूरा छत्तीसगढ़ स्व स्फूर्त बंद दिखा। कहीं विवाद की स्थिति न बने इसलिए पुलिस की ओर से व्यापक प्रबंध किए गए हैं। एक दिन पहले ही पुलिस प्रशासन की ओर से संबंधित दलों की बैठक ली गई थी, जिससे उपद्रव न हो।

बंद के चलते मालवीय रोड, टिकरापारा, संतोषी नगर, गुढ़ियारी, एमजी रोड सहित शहर के अन्य प्रमुख मार्गों की दुकानों में ताले लटके रहे। आम दिनों की अपेक्षा सड़कों पर लोगों की आवा-जाही थोड़ी कम रही। पेट्रोल पंपों के दोपहर दो बजे तक बंद रहने की वजह से शहर में आटो भी नहीं चले, लेकिन ई-रिक्शा चले, बसें भी चलती हुई दिखीं। दोपहर दो बजे के बाद हालांकि विभिन्ना क्षेत्रों में दुकानें और बाजार खुलने लगे। साथ ही पेट्रोल पंप भी खुल गए। चैंबर अध्यक्ष जितेंद्र बरलोटा का कहना है कि बंद के कारण बाहर के व्यापारी नहीं आ पाए। दोपहर तक दुकानें बंद रहने से कारोबार भी प्रभावित हुआ।

इसके अलावा बाकी स्थानों पर शांतिपूर्वक ढंग से बंद है। राजस्थान के उदयपुर में कन्हैया लाल की हत्या के विरोध में विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और भाजपा ने बंद का आह्वान किया था। बंद को व्यापारिक संगठनों ने भी समर्थन दिया था। इस वजह से शनिवार को ही सुबह से दुकानें बंद रहीं। सब्जी व फल की दुकानें कुछ स्थानों पर खुली थी, लेकिन भाजपा के कार्यकर्ता निकले और जगह जगह बंद कराया। कुछ स्थानों पर पेट्रोल पंप आदि भी बंद कराए गए हैं।

ठेले और खोमचे बंद कराने को जोड़े हाथ

शहर में कांग्रेस नेता मंगलवार सुबह से ही बंद कराने के लिए जुट गए थे। कांग्रेस कमेटी, एनएसयूआइ के पदाधिकारी और कार्यकर्ता अलग-अलग समूह बनाकर बंद कराने के लिए सड़कों पर निकले थे। दुकानें बंद कराने के लिए कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर अपील की। कुछ स्थानों में जबरन बंद कराने को लेकर कार्यकर्ताओं और कारोबारियों के बीच तीखी नोकझोक भी हुई। कुछ स्थानों पर ठेले और खोमचे को बंद कराने के लिए कांग्रेस नेताओं ने हाथ भी जोड़े।

किसान संगठनों ने किया प्रदर्शन

बूढ़ा तालाब स्थित धरना स्थल पर किसान बिल के विरोध में किसान संगठनों ने प्रदर्शन किया। यहां रायपुर जिले के किसान संगठन इकट्ठे हुए थे। आंदोलन में शामिल डा. संकेत ठाकुर ने कहा कि ये कानून पूंजीपतियों के हितों के लिए लाए गए हैं। बिल पूरी तरीके से किसान विरोधी है।

जयस्तंभ चौक पर हुआ प्रदर्शन

भारत बंद के चलते माकपा कार्यकर्ता मंगलवार सुबह से विभिन्ना क्षेत्रों में टीम बनाकर निकले और दुकानें बंद करवाई। जयस्तंभ चौक पहुंचकर माकपा कार्यकर्ताओं ने केंद्र की किसान विरोधी नीतियों के विरोध में नारे लगाए और प्रदर्शन भी किया। वहां भारी संख्या में लोग इकट्ठे हुए थे। सीटू के राज्य सचिव धर्मराज महापात्र ने बताया कि दोपहर को गुरुद्वारे से सिख संगत की ओर से जयस्तंभ चौक पर ही आंदोलनकारियों को भोजन कराया गया।