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अब चीन के वॉटर टाइकून झोंग शान्शान बने एशिया का सबसे अमीर शख्स

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चीन में बोतलबंद पानी का बिजनेस करने वाले झोंग शान्शान एशिया के सबसे अमीर आदमी (Richest Man of Asia) बन गए हैं. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले हफ्ते झोंग की कुल संपत्ति 85 बिलियन डॉलर हो गई है. झोंग मूल रूप से नोंगफू स्प्रिंग मिनरल वाटर का बिजनेस करते हैं. इसके साथ ही उनकी फार्मा कंपनी सेकाई बायोलॉजिकल फार्मेसी एंटरप्राइज वैक्सीन बनाती है. पिछले साल चीन की स्टॉक लिस्टिंग में ये दोनों कंपनियां शामिल हुई थी.

झोंग शान्शान (Zhong Shanshan) ने साल 1996 में नोंगफू स्प्रिंग नाम से पानी की एक कंपनी शुरू की थी. इसका आज मूल्य 5.7 अरब डॉलर हो गया है. फिलहाल वे ब्लूमबर्ग बिलियर्स

इंडेक्स (Bloomberg Billionaires Index) के अनुसार दुनिया के 17वें सबसे अमीर आदमी हो गए हैं. एशिया के सबसे अमीर आदमी बनने के बाद अब रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी दूसरे नंबर पर आ गए हैं.

झोंग शानशान की संपत्ति बढ़ने के पीछे कोरोना कनेक्शन है. उन्होंने अप्रैल में बीजिंग वेन्टाई बायोलॉजिकल फार्मेसी एंटरप्राइज कंपनी (Beijing Wantai Biological Pharmacy Enterprise Co.) से वैक्सीन विकसित की. कुछ महीनों बाद बोतलबंद पानी बनाने वाली नोंगफू स्प्रिंग कंपनी (Nongfu Spring Co.) हांगकांग में सबसे लोकप्रिय में से एक बन गई. इसलिए इस साल उनकी संपत्ति में जोरदार इजाफा हुआ. Nongfu के शेयरों ने अपनी स्थापना के बाद से 155 फीसदी की छलांग लगाई है, जबकि Wantai ने 2,000 फीसदी से अधिक की छलांग लगाई है.
कैसे बिजनेज में आए झोंग
इस दौड़ में झोंग शान्शान जैकमा से थोड़े से आगे निकल गए हैं. फिलहाल जैक मा का संपत्ति 567 अरब डॉलर है. झोंग शान्शान चीन के जेजियांग प्रांत के होंगजोऊ से आएं हैं. पहले उन्होंने एक निर्माण कंपनी में वर्कर की तरह काम किया फिर एक न्यूजपेपर में रिपोर्टर रहे और उसके बाद उन्होंने बिजनेस में कदम रखा.

फार्मास्यूटिकल्स ने बदला हाल
हाल के महीनों में इस चीनी उद्योगपति की संपत्ति में नाटकीय इजाफा हुआ है. जब से उन्होंने एक फार्मास्यूटिकल कंपनी बीजिंग वानताई बायोलॉजिकल फार्मेसी एंटरप्राइज में अपनी हिस्सादारी बढ़ाई है. यह कंपनी अप्रैल माह में ही शंघाई में लिस्टेड हुई थी.

बता दें कि चीन के अधिकतर अरबपति तकनीकी उद्योग से आते हैं, लेकिन चीन और अमेरिका के बीच हुआवे, टिकटॉक और वीचैट को लेकर बढ़ते तनाव के बाद चीनी तकनीकी स्टॉक की कीमतों में फर्क दिखाई देने लगा है.