मंगलवार को रायपुर के सिविल लाइन थाने में छत्तीसगढ़ सिख संगठन के पदाधिकारी पहुंचे। इन पदाधिकारियों ने शिकायत करते हुए राजनांदगांव के सांसद पांडे के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की। पदाधिकारियों ने यह तक कह डाला कि भारतीय जनता पार्टी को ऐसे नेताओं को अपने संगठन से निकाल देना चाहिए। दरअसल पूरा मामला संतोष पांडे के हाल ही में दिए बयान से जुड़ा हुआ है। संतोष पांडे ने किसान आंदोलन की तुलना खालिस्तानी आंदोलन से कर दी थी, जिस वजह से अब सिख समुदाय के लोग बेहद खफा हैं।
यह पूरा मामला
सिख संगठन के संस्थापक हरपाल सिंह भामरा ने बताया कि खैरागढ़ कि राजपूत छत्रिय भवन में भाजपा का कार्यक्रम था। इस बैठक में सांसद संतोष पांडे भी पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने देश में कृषि कानूनों का विरोध कर रहे आंदोलनरत किसानों के लिए नक्सली व खालिस्तानी समर्थक जैसे शब्द इस्तेमाल किए। यह पूरी तरह से गलत है और आंदोलनकारियों की छवि को बिगाड़ने की कोशिश है। इससे पहले भी आंदोलन कर रहे किसानों को अर्बन नक्सली तक कहा गया था।
सिविल लाइन पुलिस से छत्तीसगढ़ सिख संगठन ने मांग की है कि संतोष पांडे के खिलाफ राष्ट्रीय अखंडता को प्रभावित करने और दंगा भड़काने वाली धाराओं के तहत रिपोर्ट दर्ज की जाए। भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को भी सांसद के दिए बयान पर विचार करना चाहिए और ऐसे नेता को अपने दल से बाहर का रास्ता दिखा देना चाहिए। अब सिविल लाइन पुलिस ने छत्तीसगढ़ संगठन के ज्ञापन को लेने के बाद जांच के आधार पर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
कांग्रेस भी कर चुकी है विरोध
सोमवार की रात कांग्रेस ने भी इस मामले में सिविल लाइन थाने पहुंचकर FIR दर्ज करने की मांग की है। कांग्रेस नेता विनोद तिवारी ने बताया कि राजनांदगांव में सांसद की तरफ से किसान आंदोलन की तुलना खालिस्तानी आंदोलन से करना बेहद शर्मनाक है। इस मामले में पुलिस को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई करनी चाहिए।