भोपाल: मध्यप्रदेश का मौजूदा राजनैतिक संकट देखने में तो प्रमुख रूप से कांग्रेस की अंतर्कलह लगता है, लेकिन असलियत कुछ इसके उलट ही है। आपको याद होगा कि कुछ महीनें पहले कमलनाथ सरकार में मंत्री उमंग सिंघार ने साफ तौर दिग्विजय सिंह के खिलाफ बयान दिया था और बड़े हमले बोले थे। तब भी कांग्रेस के अंदर घमासान मचा था और अब बेंगलूरू में मौजूद कांग्रेस विधायकों ने भी दिग्विजय को भी कांग्रेस को बांटने वाला नेता बताया है। उनका कहना है कि दिग्विजय की वजह से ही आज कांग्रेस का ये हाल है।
दरअसल बेंगलुरू में मौजूद कांग्रेस के बागी विधायकों को मनाने के लिए दिग्विजय सिंह पहुंचे। वहां उन्होंने विधायकों से मिलने के लिए काफी जद्दोजहद भी की पर वे मिल नहीं पाए जिसके बाद बागी विधायकों ने सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट करते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह के कारण ही कांग्रेस में टूट हुई है। उनके कारण ही हम बेंगलूरू में हैं। जिसके चलते हमारा दिग्विजय सिंह से मुलाकात का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है ।
राजनीतिक जानकारों का दावा है कि कांग्रेस में जो भी हो रहा है वो सिंधिया औऱ दिग्विजय के बीच के शीतयुद्ध का ही नतीजा है। मध्यप्रदेश कांग्रेस के इन राजा-महाराजा की अनबन अक्सर सामने सामने आती रही हैं। लेकिन किसी को ये नहीं पता था कि सिंधिया कांग्रेस को झटका देते हुए भाजपा में मिल हो जाएंगे। सिंधिया बीजेपी में क्या गए। मध्यप्रदेश में कांग्रेस के पसीने छूट गए। सिंधिया गुट के सभी 22 विधायकों ने अपना इस्तीफा भेज दिया। जिसके चलते कमलनाथ सरकार पर अल्पमत का खतरा मंडराने लगा।
बात सिर्फ इतनी ही नहीं है कि बागी विधायकों ने और मंत्री उमंग सिंघार ने दिग्विजय पर आरोप लगाए हों। अभी हाल में ही कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता मुकेश नायक ने एक टीवी चैनल में दिए इंटरव्यू में साफ तौर पर कह दिया। कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह को बेंगलूरू भेज कर बहुत बड़ी गलती कर दी। मुकेश नायक ने ये भी कहा कि वे कांग्रेस के प्रवक्ता हैं दिग्विजय सिंह के नहीं। हालांकि उनके इस बयान पर कमलनाथ सरकार में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने मुकेश नायक पर हमला बोला। वहीं भाजपा भी अब इस मामले में तंज कसने से नहीं चूक रही।
भाजपा अगर ये आरोप लगाए कि दिग्विजय सिंह की वजह से कांग्रेस में फूट आई है, तो ये बात समझ में आती है, लेकिन जब कांग्रेस के ही विधायक ये बोलें कि दिग्विजय सिंह के कारण कांग्रेस बंटती जा रही है। तो बात कुछ बड़ी हो जाती है। कांग्रेस नेताओं के इस बयान से भाजपा को भी बल मिलता है क्योंकि कहा जाता है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस का सबसे बड़ा चेहरा रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी इसी वजह से पार्टी छोड़ी है। खैर अब ये देखने वाली बात होगी कि दिग्विजय सिंह के खिलाफ खुद कांग्रेस नेताओं के बयान के बाद क्या इसका खंडन किया जाएगा या कोई कार्रवाई होगी या फिर कांग्रेस हाईकमान दिग्विजय के खिलाफ दिए बयानों पर आत्मचिंतन करेगा