नई दिल्ली. रेल मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने शुक्रवार को कहा कि वो प्राइवेट एजेंट्स और वेंडर्स को पैसेंजर्स के लिए ट्रेन टिकट बुक (Train Ticket Booking) नहीं करने देने के प्रस्ताव पर विचार कर रहे हैं. इसके पीछे की वजह बताते हुए उन्होंने कहा कि जब घर बैठे मोबाइल फोन के जरिए ट्रेन टिकट बुक हो सकता है तो प्राइवेट एजेंट्स या वेंडर्स की जरूरत नहीं है.
होती थी ट्रेन टिकटों की कालाबाजारी
दरअसल, लोकसभा में चर्चा के दौरान रेल मंत्रालय के ग्रांट पर मांग को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने यह बात कही. उन्होंने बताया कि पिछले 14 महीनों में 5,300 से अधिक लोगों को ट्रेन टिकट की कालाबजारी के मामले पकड़ा जा चुका है. कुल 884 टिकट बुकिंग वेंडर्स को ब्लैकलिस्ट भी किया जा चुका है.
कॉमन सर्विस सेंटर्स भी की जा सकती है बुकिंग
उन्होंने कहा, ‘मेरी सोच है कि ट्रेन टिकट बुकिंग के लिए अब प्राइवेट वेंडर्स और एजेंट्स की जरूरत नहीं है.’ उन्होंने कहा कि वो इन्हें बंद करने पर विचार कर रहे हैं. जिन्हें ट्रेन टिकट खरीदना होगा वो ‘कॉमन सर्विस सेंटर्स’ जा सकते हैं, जिसे सरकार द्वारा संचालित किया जाता है.
पीयूष गोयल ने कहा कि अमूमन यह देखा गया हे कि बुकिंग शुरू होने तुरंत ही कुछ देर में ट्रेन टिकट सोल्ड आउट हो जाता है. इस पर मंत्रालय ने जांच के बाद रोकथाम के लिए कई कदम भी उठाया है.
गैर-कानूनी सॉफ्टवेयर्स की मदद से की जाती है बुकिंग
ट्रेन टिकट बुक करने के लिए कई तरह के ‘गैर-कानूनी सॉफ्टवेयर्स’ का इस्तेमाल किया जाता था. करीब 10 करोड़ रुपये के ट्रेन टिकट को कैंसिल कर दिया जाता है. इन सॉफ्टवेयर्स को बैन कर दिया गया है और इस मामले में 104 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है.
लोकसभा में रेल मंत्री ने कहा, ‘हम सभी लोगों से आग्रह करुंगा कि गारंटीड टिकट की लालच में ऐसे एजेंट्स या वेडर्स के बहकावे में न आएं.’