मदार एक औषधीय पादप है। इसको मंदार’, आक, ‘अर्क’ और अकौआ भी कहते हैं। इसका वृक्ष छोटा और छत्तादार होता है। पत्ते बरगद के पत्तों समान मोटे होते हैं। हरे सफेदी लिये पत्ते पकने पर पीले रंग के हो जाते हैं। इसका फूल सफेद छोटा छत्तादार होता है। फूल पर रंगीन चित्तियाँ होती हैं। फल आम के तुल्य होते हैं जिनमें रूई होती है। आक की शाखाओं में दूध निकलता है। वह दूध विष का काम देता है।
आज हम आप लोगो को एक ऐसी औषधि के बारे में बताने वाले है जो बहुत ही उपयोगी होता है। इसे मदार या आक कहते हैं। इसमें विषाक्त दूध भरा होता है। यह पेड़ शिव को अति प्रिय है।यह श्याम व श्वेत दो प्राकर का होता है।
मदार से होने वाले फायदे –
● मदार के दो बिना खिले फूल को थोड़े से गुड में मिलाकर खाने से मलेरिया का बुखार नहीं चढ़ता हैं। ● जोड़ो के दर्द में भी मदार के फूल को गर्म करके प्रभावित अंग पर बांध ले, तो जोड़ो का दर्द ठीक हो जाता हैं।
● मदार के 10-12 फूलों को पीसकर एक गिलास दूध में रोजाना सुबह एक माह तक लें तो पथरी निकल जाती हैं।
● बवासीर के दर्द में मदार के फूल के धुएं से सिकाई करने से दर्द कम हो जाता हैं।