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इस बड़े मुस्लिम देश में मोदी सरकार के फैसले से मचा हाहाकार, उठाई थी कश्मीर-CAA के खिलाफ आवाज

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कश्मीर से धारा 370 हटाने और CAA के खिलाफ मलेशिया के प्रधानमंत्री ने आवाज उठाई थी जिसके बाद अब भारत उसके पर कतरने जा रहा है। कश्मीर और नागरिकता संशोधन कानून को लेकर मलयेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने लगातार भारत पर हमला बोेला है। लेकिन अब भारत सरकार उसें सबक सिखाने जा रही है। इसके लिए पहले कदम के तौर पर भारत ने मलेशिया से पाम ऑइल के आयात पर प्रतिबंध लगाया था। इसके बाद अब भारत ने प्रतिबंध का दायरा बढ़ाने का फैसला किया है। इसी के तहत अब केंद्र सरकार मलयेशिया से आयात होने वाले माइक्रो प्रोसेसर्स को भी बैन कर सकती है।

भारत का कहना है कि कश्मीर से धारा 370 हटाने और नागरिकता संशोधन कानून आंतरिक मसले हैं और इन पर बोलने का मलेशियाई प्रधानमंत्री को कोई अधिकार नहीं है। हालांकि महातिर मोहम्मद ने भी साफ किया है कि वह इसी तरह भारत के आंतरिक मुद्दों पर अपनी राय रखते रहेंगे। सूत्रों के अनुसार कस्टम अधिकारियों को मलेशिया से आने वाली माइक्रोप्रोसेसर्स की क्वॉलिटी कंट्रोल पर कड़ी नजर रखने के लिए कहा है। यह शायद पहला मामला है जब भारत ने किसी देश के राजनीतिक विचारों को लेकर उस पर इस तरह के कड़े व्यापार प्रतिबंध लगाए हों।

लेकिन एकबार फिर से मंगलवार को मोहम्मद महातिर ने कहा कि वह भारत द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को लेकर चिंतित हैं, मगर वह ‘गलत चीजों’ के खिलाफ लगातार बोलते रहेंगे। उन्होंने कहा, ‘हम भारत द्वारा पाम ऑइल पर लगाए गए प्रतिबंध को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि वह हमारा एक बड़ा ग्राहक था। हालांकि बेबाकी से बोलें तो हमें चीजों पर नजर रखनी होगी और कहीं कुछ गलत हो रहा है तो बोलना भी होगा।’

आपको बता दें कि भारत ने मलयेशिया से आने वाले पाम ऑइल को फ्री इम्पोर्ट कैटिगरी में डाल रखा था, मगर महातिर के बयानों के बाद भारत ने उसे प्रतिबंधित श्रेणी में डाल दिया जिससे मलेशिया में बाजार का बुरा हाल हो गया है। नागरिकता कानून और कश्मीर पर महातिर के बयानों के अलावा भारत जाकिर नाईक के प्रत्यर्पण को लेकर मलयेशिया के रुख से भी नाराज है। बता दें कि भारत का मलयेशिया के साथ करीब 17 अरब डॉलर का व्यापार संबंध है। इसमें 6.4 अरब डॉलर का निर्यात और 10.8 अरब डॉलर का आयात शामिल है।